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'मन की बात' में पीएम मोदी ने वीआइपी की जगह 'ईपीआइ' का दिया नारा

पीएम मोदी ने आज रविवार को 31 वीं बार मन की बात के तहत देश की जनता को संबोधित किया।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 30 Apr 2017 01:34 AM (IST)Updated: Sun, 30 Apr 2017 07:20 PM (IST)
'मन की बात' में पीएम मोदी ने वीआइपी की जगह 'ईपीआइ' का दिया नारा
'मन की बात' में पीएम मोदी ने वीआइपी की जगह 'ईपीआइ' का दिया नारा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीआइपी संस्कृति पर एक बार फिर से जोर-शोर से बरसे हैं। उन्होंने देश से वीआइपी संस्कृति को हटाने के लिए ईपीआइ का नारा दिया है। ईपीआइ यानी हर व्यक्ति महत्वपूर्ण (एवरी परसन इज इंपोर्टेट)। उन्होंने कहा है कि नेता-अफसरों की गाडि़यों से लाल बत्ती तो उन्होंने हटवा दी है, अब साझा प्रयास से इस मानसिकता को भी देश से हटा दिया जाएगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में वीआइपी संस्कृति को ले कर बेहद चिंतित दिखाई दिए। उन्होंने कहा, 'एक नया इंडिया बनाना है। इसकी अवधारणा यह है कि यहां वीआइपी की जगह ईपीआइ का महत्व बढ़े। जब मैं वीआइपी की जगह ईपीआई कह रहा हूं तो ईपीआइ का मतलब है एवरी परसन इज इंपोर्टेट। हर व्यक्ति का महत्व है, महात्म्य है। अगर 125 करोड़ देशवासियों का महात्म्य हम स्वीकार करेंगे तो महान सपनों को पूरा करने के लिए इतनी बड़ी शक्ति एकजुट हो जाएगी। हम सब मिल कर यह करेंगे।'

प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर माना कि देश में वीआइपी संस्कृति को ले कर आम लोगों के मन में काफी नफरत है। इसे देखते हुए हाल ही में केंद्र सरकार ने मौजूदा नियमों में संशोधन कर लाल बत्ती की व्यवस्था ही खत्म कर दी है। अपने इस फैसले के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'देश में वीआइपी संस्कृति के खिलाफ लोगों में इतना गुस्सा है, यह मुझे अभी-अभी अनुभव हुआ है। जब सरकार ने तय कर दिया कि अब हिंदुस्तान में कितना ही बड़ा आदमी हो अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती लगा कर नहीं घूमेगा। यह एक प्रकार से वीआइपी कल्चर का सिंबल बन गया है। अनुभव कहता है कि लाल बत्ती तो गाड़ी पर लगती थी, लेकिन धीरे-धीरे दिमाग में घुस जाती थी। दिमागी तौर पर वीआइपी कल्चर पनप चुका है। अभी तो लाल बत्ती गई है इसके लिए कोई यह दावा तो नहीं कर पाएगा कि दिमाग में जो लाल बत्ती घुस गई है, वह निकाल गई होगी।'

प्रधानमंत्री ने अपने रेडियो कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर की एक महिला शुभा चौबे का फोन कॉल भी सुनवाया। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री को लाल बत्ती की व्यवस्था समाप्त करने के लिए धन्यवाद करते हुए कहा था, 'आपने जो स्वच्छ भारत अभियान चलाया है उससे ना सिर्फ रोड साफ हो रहे हैं, बल्कि वीआइपी की दादागिरी भी साफ हो रही है।' इसी तरह महिला ने एक अखबार में छपी उस पंक्ति का भी हवाला दिया जिसमें लाल बत्ती हटाने के फैसले की खबर में कहा गया था कि इस फैसले के बाद सड़क पर हर व्यक्ति वीआइपी होगा। उसे ना तो किसी के लिए ट्रैफिक में रुकना होगा और ना ही ट्रैफिक जाम होगा।

प्रधानमंत्री ने शुभा चौबे की बातों का हवाला देते हुए कहा कि लोगों के मन में वीआइपी संस्कृति को ले कर बहुत नफरत है। साथ ही वीआइपी संस्कृति के खिलाफ सभी को उठ खड़ा होने की अपील करते हुए वे बोले, 'सरकारी निर्णय से लाल बत्ती का जाना तो एक व्यवस्था का हिस्सा है। लेकिन हमें मन से भी इसे प्रयत्न पूर्वक निकालना है। हम सब मिल कर जागृत प्रयास करेंगे तो निकल सकता है।'

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