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PM मोदी के ‘अधूरे चुनावी वादे’ पर लिखी किताब को बैन करने की मांग

मोदी के समर्थक नरसिंह भाई सोलंकी ने उस किताब को बैन करने की मांग की है जो मोदी के चुनावी वादे पूरे ना होने पर लिखी गई है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 10:44 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 11:49 AM (IST)
PM मोदी के ‘अधूरे चुनावी वादे’ पर लिखी किताब को बैन करने की मांग

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस वक्त 2014 में चुनावी रैलियां कर रहे रहे उस समय उन्होंने देशवासियों से कई चुनावी वादे किए थे लेकिन उनमें से अभी भी कई वादे पूरे नहीं हो पाए हैं। ऐसे में पीएम मोदी के उन अधूरे वादों पर एक शख्स ने किताब लिख दी और उसे प्रकाशित भी कर दिया जो विवाद का कारण बन गया है।

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टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक दरअसल, पीएम मोदी के समर्थक नरसिंह भाई सोलंकी ने अहमदाबाद की स्थानीय अदालत में जाकर प्रधानमंत्री के ऊपर लिखी गई उस गुजराती किताब पर फौरन प्रतिबंध लगाने की मांग की है जिसे हाल में प्रकाशित किया गया है। इस किताब में पीएम मोदी के 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए चुनावी वादों के बारे में लिखा गया है जो अब तक पूरेे ही नहीं हो पाए हैं।

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पालदी के रहनेवाले जे.आर. शाह ने ‘फेकू हवे दिल्ली मा’ शीर्षक के साथ इस किताब को लिखी है और इसे अपने ही प्रकाशन से प्रकाशित किया है। इस किताब के शीर्षक और तथ्यों को अपमानजनक करार देते हुए ब्रह्मपुत्र के रहनेवाले समाजसेवी सोलंकी ने गुरूवार को सिटी सिविल कोर्ट में एक हलफनामा दायर करते हुए इसके फौरन प्रकाशन और ब्रिक्री पर रोक लगाने की मांग की है।

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सोलंकी के वकील एम.एस. भवसार ने कहा कि ये किताब प्रधानमंत्री के आधूरे वादे पर आधारित है। उन्होंने कहा- “हमने ये मांग की है जिस तरह से इस किताब का शीर्षक ही अपमानजक है ऐसे में ये प्रधानमंत्री मोदी और उनके समर्थक लोगों की भावनाओं को आहत पहुंचाएगी।” उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर कोर्ट में जिरह करेंगे की मोदी सरकार को केन्द्र में अभी मात्र दो साल ही पूरे हो पाए हैं जबकि अभी तीन साल का वक्त उनके पास और है।

भवसार ने बताया कि दो साल का वक्त बेहद कम होता है देश में किसी भी चीज को परिवर्तन लाने के लिए। पीएम मोदी ने 2014 के दौरान जो चुनावी वादे किए हैं उन्हें पूरा करने के लिए उनके पास अभी काफी लंबा समय है। ऐसे में जल्दबाजी में कामों को परखना ठीक नही हैं और किताब का शीर्षक अपमानजक है।


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