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भूकंप त्रासदी: प्रभावित राज्यों से लेकर नेपाल तक सक्रिय भारत

नेपाल से लेकर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के कारण हुई तबाही से निपटने के लिए केंद्र सरकार तत्काल सक्रिय हो गई। भूकंप के पहले झटके के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय गंवाए बिना खुद भारत की स्थिति पर नजर रखी। साथ ही पड़ोसी देश नेपाल को भी

By Sudhir JhaEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 01:49 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 08:26 PM (IST)
भूकंप त्रासदी: प्रभावित राज्यों से लेकर नेपाल तक सक्रिय भारत

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नेपाल से लेकर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के कारण हुई तबाही से निपटने के लिए केंद्र सरकार तत्काल सक्रिय हो गई। भूकंप के पहले झटके के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय गंवाए बिना खुद भारत की स्थिति पर नजर रखी। साथ ही पड़ोसी देश नेपाल को भी सहयोग का पहला हाथ बढ़ाकर कूटनीति के स्तर पर भी मजबूती से कदम जमाया। उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर हर पहलू की समीक्षा हुई।

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साथ में अपने देश में राहत के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम व राहत सामग्री को नेपाल भी पहुंचा दिया गया। पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को मोदी सरकार कितनी अहमियत देती है यह तो शपथ ग्रहण के साथ ही स्पष्ट हो गया था। उसमें पहली बार सभी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था। आपदा के प्रति अपनी संवेदनशीलता और सक्रियता भी उन्होंने फिर से स्थापित कर दी।

शनिवार को नेपाल में केंद्रित भूकंप के कहर और बिहार, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व पश्चिम बंगाल में उसके प्रभाव की खबर के तत्काल बाद उन्होंने संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव और प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से मुलाकात कर हर मदद की पेशकश कर दी। नेपाल से सटे बिहार के जिले सीतामढ़ी के सांसद से भी मोदी ने बात की। उन्हें पूरी जानकारी जुटाने और मदद के लिए तत्पर रहने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने नेपाल में भारतीय दूतावास को स्थानीय अधिकारियों से संपर्क बनाने और राहत बचाव में जुटने का निर्देश दिया था।

बाद में प्रधानमंत्री आवास पर उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा, एनडीआरएफ के अफसर समेत कुछ अन्य नेता व अधिकारी मौजूद थे। बताते हैं कि बैठक में अपने देश और नेपाल के हर पहलू पर चर्चा हुई और तत्काल राहत रवाना कर दिया गया। जानकारों का मानना है कि पूरी कवायद मानवीय आधार और सरकारी कर्तव्य की कसौटी पर खरा उतने की है। वहीं इससे कूटनीति भी जुड़ी है।

नेपाल की ओर प्रभावी रूप से मदद का पहला हाथ बढ़ाकर यह सुनिश्चित कर लिया गया है भारत और नेपाल के संबंध और मजबूत हों। गौरतलब है कि हाल ही में मोदी ने नेपाल की यात्रा की थी। वहीं राज्यों को भी यह संदेश दे दिया गया कि केंद्र सरकार उनके दुख दर्द में साथ खड़ी है। कुछ दिन पहले ही बिहार में आंधी तूफान से हुई तबाही के वक्त भी प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की थी। बाद में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने वहां का दौरा किया था और मदद का भी एलान किया था।

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में आपातकालीन कंट्रोल रूम की स्थापना की है। यहां से 24 घंटे भूकंप पीड़ितों के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है।

कंट्रोल रूम फोन न: - 011-2301 2113 / 2301 4104/ 2301 7905

फैक्स नं:- 23018158

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