जापान का दिल जीत भारत लौटे पीएम नरेंद्र मोदी
पांच दिन की सफल जापान यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को स्वदेश लौट आए। एयर इंडिया के विमान से मोदी दोपहर तीन बजे दिल्ली पहुंचे, जहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज उनकी अगुवानी के लिए मौजूद थीं।
नई दिल्ली। पांच दिन की सफल जापान यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को स्वदेश लौट आए। एयर इंडिया के विमान से मोदी दोपहर तीन बजे दिल्ली पहुंचे, जहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज उनकी अगुवानी के लिए मौजूद थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा को बहुत सफल बताया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जापान ने पांच साल में 35 अरब डॉलर की अब तक की सबसे बड़ी राशि की मदद देने का जो वादा किया है उससे भारत में बुनियादी ढांचे में सुधार आएगा और साफ-सफाई बढ़ेगी। साथ ही जापानी निवेशकों को लुभाने के लिए भी कोई कसर बाकी नहीं रखी। उन्होंने कहा कि भारत आइए और अपनी किस्मत आजमाइए।
अपनी पांच दिन की यात्रा संपन्न होने से एक दिन पहले आधिकारिक कार्यक्रम को समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के प्रति भरोसा दिखाने के लिए जापान का आभार जताया और यह कहकर जापान के साथ मजबूत दोस्ती का इजहार किया, 'ये फेविकोल से भी ज्यादा मजबूत जोड़ है।'
भारतीय समुदाय द्वारा उनके सम्मान में दिए गए भोज में मोदी ने कहा, 'यह यात्रा काफी सफल रही।' उन्होंने कहा कि अब तक लाखों-करोड़ों या अरबों की बात होती थी। लेकिन कभी भी खरबों की बात नहीं हुई।
यहां उनका संकेत जापान द्वारा अगले पांच साल में भारत को सार्वजनिक व निजी वित्तपोषण के जरिये 3,500 अरब येन यानी 35 अरब डॉलर या 2,10,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने के वादे की ओर था।
यह राशि जापान कई कार्यो मसलन स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और गंगा नदी की सफाई के लिए उपलब्ध कराएगा। दिन भर कई कार्यक्रमों व बैठकों के बाद अपने आखिरी आधिकारिक कार्यक्रम में मोदी ने कहा, 'यह एक बड़ी उपलब्धि है। मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि जापान ने हम पर भरोसा दिखाया है।'
दोनों देशों ने पांच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए जिसमें रक्षा सहयोग, स्वच्छ ऊर्जा, सड़क एवं हाइ-वे, स्वास्थ्य और महिला विकास शामिल हैं। इसके साथ ही जापान ने भारत की छह कंपनियों से प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया जिसमें हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लि. (एचएएल) भी शामिल है जिस पर 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच भारत में बुलेट ट्रेन चलाने और वाराणसी शहर विकसित करने का भी समझौता हुआ है।