Move to Jagran APP

हद है, भारत में हो रहे गुलाबी गेंद के पहले मैच में ही छाया अंधेरा

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने पहली बार गुलाबी गेंद से खेले जा रहे डे-नाइट दलीप ट्रॉफी मैच की रोशनी खुद ही छीन ली।

By ShivamEdited By: Published: Tue, 23 Aug 2016 10:18 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 01:35 PM (IST)
हद है, भारत में हो रहे गुलाबी गेंद के पहले मैच में ही छाया अंधेरा

अभिषेक त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने पहली बार गुलाबी गेंद से खेले जा रहे डे-नाइट दलीप ट्रॉफी मैच की रोशनी खुद ही छीन ली। इससे ही भारत में डे-नाइट टेस्ट मैच का भविष्य तय होना था, लेकिन इतने महत्वपूर्ण टूर्नामेंट के आयोजन के लिए बीसीसीआइ ने बिना उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) की जानकारी के सीधे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से करार कर लिया। नतीजा शहीद विजय सिंह पथिक स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स में हुए इंडिया रेड और इंडिया ग्रीन के पहले दिन के मुकाबले में ही दो बार फ्लड लाइट बंद हो जाने के रूप में देखने को मिला। जब हम यह सोच रहे थे कि भारतीय क्रिकेट फ्लड लाइट में गुलाबी गेंद से चार दिवसीय घरेलू मैच का आयोजन कर नए युग में प्रवेश करने जा रहा है तब ही हम और पीछे जाते हुए नजर आए।

loksabha election banner

दो बार बंद हुई फ्लड लाइट

युवराज सिंह की कप्तानी वाली इंडिया रेड ने मंगलवार को टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया और अभिनव मुकुंद के 77 रनों की बदौलत 48.2 ओवर में सिर्फ 161 रन बनाए। युवराज सहित उसके सभी बल्लेबाज गुलाबी गेंद से डर-डरकर खेल रहे थे। यही कारण रहा कि अधिकतर बल्लेबाज खराब शॉट लगाकर आउट हुए। इसके बाद सुरेश रैना की कप्तानी वाली इंडिया ग्रीन बल्लेबाजी करने उतरी। उसने डिनर ब्रेक से पहले तीन ओवर में एक विकेट के नुकसान पर सात रन बनाए। डिनर ब्रेक के दौरान शाम 6.50 पर छह में से तीन फ्लड लाइट बंद हो गई। शाम 7.05 पर दोबारा फ्लड लाइट चालू हो सकीं और इस कारण मैच का आखिरी सत्र 25 मिनट देरी से शफ्रू हो सका। इस समय क्रीज पर जलज सक्सेना (01) और पार्थिव पटेल (08) थे। अभी स्कोर 9.3 ओवर में तीन विकेट पर 34 रन तक पहुंचा था कि फिर वही तीन फ्लड लाइट बंद हो गईं। इस कारण क्रीज पर मौजूद सुरेश रैना (01) और पटेल (15) सहित बाकी लोगों को मैदान से बाहर जाना पड़ा। रात 7.55 पर बंद हुई फ्लड लाइट 8.40 बजे चालू की जा सकी। इसके बाद 8.53 बजे मैच फिर शुरू हुआ।

बीसीसीआइ ने यूपीसीए को अंधेरे में रखा

हमेशा अपने राज्य संघ पर विश्वास करने वाला बीसीसीआइ इस बार यूपीसीए को अंधेरे में रखकर सीधे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से करार कर बैठा। जब इसके बारे में यूपीसीए के सचिव राजीव शुक्ला को पता चला तो उन्होंने बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर से आपत्ति जताई। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद बीसीसीआइ सचिव अजय शिर्के ने बोर्ड के जनरल मैनेजर अमृत माथुर को मैच से चार दिन पहले बैठक में यूपीसीए के प्रतिनिधियों को भी बुलाने को कहा। इस बैठक में यूपीसीए के प्रतिनिधि और गाजियाबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश मिश्रा ने आपत्ति जताई। इसके बाद यूपीसीए के कुछ लोगों की ड्यूटी दलीप ट्रॉफी के लिए लगाई गई।

बिना जांच के ही कराया मैच

यूपीसीए के सूत्रों का कहना है कि इस मैदान में पहले न ही कोई यूपीसीए का और न ही कोई बीसीसीआइ का आधिकारिक डे-नाइट मैच हुआ है, उसके बावजूद इस मैदान में इतने बड़े टूर्नामेंट के आयोजन कराने का निर्णय ले लिया। इस मैदान में कपिल देव की कंपनी देव मस्को की छह फ्लड लाइट लगाई गई हैं। मैच के दौरान इसके कंडक्टर में खराबी आ गई और इसलिए ये बंद हो गई। खास बात ये है कि छह में से तीन फ्लड लाइट ही जेनसेट से चलती हैं, जबकि बाकी तीन विद्युत लाइन से। मैदान पर मौजूद अमृत माथुर ने कहा कि तकनीकी गड़बड़ी से ये बाधा आई है। देव मस्को के अधिकारी मौजूद हैं और मैच के दूसरे दिन कोई बाधा नहीं आएगी।

क्रिकेट की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें

खेल जगत की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.