अब फ्लाइट में 'जेंटलमैन' ही कर सकेंगे यात्रा
नई दिल्ली। विमान में हंगामा करने वालों की खैर नहीं। ऐसे यात्रियों से निपटने के लिए कानूनों को सख्त किया जा रहा है। इनके तहत क्रू सदस्यों को अधिक अधिकार दिए जाएंगे। इनसे उन्हें विमान में हंगामेबाज यात्रियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। यहां तक हवाई अड्डे पर विमान के उड़ने से पहले ही एयरलाइंस नशेड़ी यात्रियों क
नई दिल्ली। विमान में हंगामा करने वालों की खैर नहीं। ऐसे यात्रियों से निपटने के लिए कानूनों को सख्त किया जा रहा है। इनके तहत क्रू सदस्यों को अधिक अधिकार दिए जाएंगे। इनसे उन्हें विमान में हंगामेबाज यात्रियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। यहां तक हवाई अड्डे पर विमान के उड़ने से पहले ही एयरलाइंस नशेड़ी यात्रियों की पहचान कर उन्हें ले जाने से इन्कार कर पाएंगी।
विमानन नियामक डीजीसीए ने नए नियमों का मसौदा तैयार किया है। इसमें हंगामे के चलते फ्लाइट या अन्य यात्रियों या क्रू सदस्यों की सुरक्षा को खतरा होने पर उचित कार्रवाई के अधिकार दिए गए हैं। सभी फ्लाइटों के पायलट-इन-कमांड को ये अधिकार औपचारिक रूप से मिलेंगे। नए नियमों के तहत एयरलाइन स्टाफ को लाउंज में या एयरपोर्ट के चेक-प्वाइंट पर नशेड़ी यात्रियों पर नजर रखने के लिए भी ज्यादा शक्तियां मिलेंगी। सभी एयरलाइनों के लिए ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए मानक परिचालन प्रक्रियाएं विकसित करना अनिवार्य होगा। भारतीय क्षेत्र में परिचालन कर रही विदेशी कंपनियों पर भी नियम लागू होंगे।
किस लिए पड़ी जरूरत
मसौदा एयर इंडिया की उस घटना के एक महीने बाद आया है जिसमें मेलबर्न से नई दिल्ली की फ्लाइट में नशे में धुत एक भारतीय यात्री को बांध कर लाना पड़ा था। इसने फ्लाइट पर जमकर उपद्रव मचाया था। विमान के उतरने पर इस यात्री को गिरफ्तार कर लिया गया था। दुनिया भर में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। सिर्फ 2013 में ही उपद्रवी व्यवहार की करीब आठ हजार घटनाएं सामने आई।
वर्तमान में क्या हैं कानून
भारत में मौजूदा कानूनों के तहत व्यवधान पैदा करने वाले यात्रियों को एक साल कारावास या पांच लाख तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। डीजीसीए ने एक महीने के भीतर मसौदा कानून पर सभी हितधारकों से टिप्पणियां देने को कहा है।
क्या कहते हैं नए नियम
मसौदा नियम कहते हैं ऐसे यात्रियों पर पूरी सतर्कता के साथ नजर रखनी चाहिए जिनके उपद्रवी होने की संभावना है। यदि लगता है कि उनसे फ्लाइट या साथी यात्रियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है तो आवश्यकता पड़ने पर उन्हें ले जाने से मना किया जा सकता है।