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अमरनाथ यात्रा आतंकी साया हर पल पर रहेगी एजेंसियों की नजर

आइबी की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ कश्मीर में अपने गुर्गो के आतंकियों व पत्थरबाजों से अमरनाथ यात्रा पर हमले का निर्देश दे रहा है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 08:09 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 08:09 PM (IST)
अमरनाथ यात्रा आतंकी साया हर पल पर रहेगी एजेंसियों की नजर
अमरनाथ यात्रा आतंकी साया हर पल पर रहेगी एजेंसियों की नजर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अभूतपूर्व सुरक्षा तैयारियों के साथ आज से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा पर केंद्र भी नजर रखे हुए है। इस सिलसिले में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सभी सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आतंकी हमले की आशंका और उसकी सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की। खुफिया रिपोर्टो के अनुसार पाकिस्तान आतंकियों और पत्थरबाजों की मदद से अमरनाथ यात्रा को बाधित करने की साजिश कर रहा है।

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उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह के साथ सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा बैठक में आइबी, रॉ, एनटीआरओ (नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन, जो खुफिया ड्रोन का संचालन करता है) और सेना की खुफिया ईकाई के प्रमुख के साथ-साथ गृहमंत्रालय से वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात 30 हजार से अधिक जवानों के साथ-साथ यात्रा मार्ग पर नजर रखने के लिए ड्रोन और हेलीकाप्टर का भी उपयोग किया जाएगा। पूरे यात्रा मार्ग को कवर करने के लिए 20-25 ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। ड्रोन से मिलने वाली तस्वीरों का विश्लेषण के लिए विशेष सेंटर बनाया जा रहा है। जहां से सुरक्षा बलों को छोटी से छोटी गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाती रहेगी। वहीं हेलीकाप्टर से यात्रा मार्ग के आसपास के इलाकों पर सीधी नजर रखी जाएगी।

यात्रा मार्ग पर नजर रखने के साथ-साथ हेलीकाप्टर का इस्तेमाल आपात स्थिति में यात्रियों को निकालने में भी किया जा सकता है। गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पहली बार अमरनाथ यात्रा के दौरान किसी आतंकी हमले या प्राकृतिक आपदा की स्थिति से निपटने के लिए इस बार राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के जवानों को भी तैनात किया जा रहा है। उनके अनुसार एनडीआरएफ ने राहत व बचाव कार्य के लिए मॉकड्रील भी कर लिया है और आने वाले दिनों में और भी मॉकड्रील करने की तैयारी है।

गौरतलब है कि पिछले साल आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी बुरहानी वानी मारा गया। वानी की मौत के बाद घाटी में बड़े पैमाने हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिसका प्रभाव अमरनाथ यात्रा पर भी पड़ा था। वैसे पिछले साल की तुलना में घाटी के हालात बेहतर हैं। लेकिन बुरहान वानी की मौत की पहली बरसी पर आतंकी और पत्थरबाज दोनों ही अमरनाथ यात्रा को बाधित करने की कोशिश कर सकते हैं।

खुफिया ब्यूरो इस संबंध में पहले ही आगाह कर चुका है। आइबी की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ कश्मीर में अपने गुर्गो के आतंकियों व पत्थरबाजों से अमरनाथ यात्रा पर हमले का निर्देश दे रहा है। घाटी से आतंकवाद और अलगाववाद का पूरी तरह सफाया का मन बना चुकी मोदी सरकार अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को चुनौती के रूप में ले रही है।

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