उत्तराखंड आपदा को दो वर्ष पूरे, पटरी पर लौट रहा तीर्थाटन
दो वर्ष बीत चुके हैं केदारघाटी समेत चारधाम में आपदा को आए। 2013 में 15-16 जून की रात आई आपदा से हुई भीषण तबाही के बाद उत्तराखंड के चारधामों में पसरा सन्नाटा अब टूटने लगा है। जलप्रलय की त्रासदी ने श्रद्धालुओं के मन में जो दहशत पैदा कर दी थी,
देहरादून। दो वर्ष बीत चुके हैं केदारघाटी समेत चारधाम में आपदा को आए। 2013 में 15-16 जून की रात आई आपदा से हुई भीषण तबाही के बाद उत्तराखंड के चारधामों में पसरा सन्नाटा अब टूटने लगा है। जलप्रलय की त्रासदी ने श्रद्धालुओं के मन में जो दहशत पैदा कर दी थी, वो अटूट आस्था के आगे काफूर होने लगी है। देशी-विदेशी श्रद्धालुओं के मन में सुरक्षित यात्रा का भरोसा जगाने में राज्य सरकार की कोशिशें भी रंग ला रही हैं।
यही वजह है कि पिछले वर्ष उत्तराखंड में यात्रियों की आमद में करीब 75 प्रतिशत की भारी गिरावट के बावजूद इस वर्ष 12 जून तक 4.70 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम व हेमकुंड साहिब के दर्शन कर चुके हैं।
2013 में प्रकृति के भीषण कहर ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की भी कमर तोड़कर रख दी थी। इस भीषण त्रासदी में जानमाल का नुकसान तो हुआ ही, उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान करने वाला पर्यटन और तीर्थाटन व्यवसाय भी लकवाग्रस्त हो गया था। 2013 में चारधाम व हेमकुंड साहिब के दर्शनों के लिए जहां 13.72 लाख से भी अधिक श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचे थे, वहीं आपदा के बाद 2014 में उत्तराखंड आने वाले यात्रियों की संख्या में 75 फीसद की भारी गिरावट दर्ज की गई।
दहशत व सदमे का वह बुरा दौर अब खत्म हो चला है। चारधाम यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की आमद से जैसे-जैसे सन्नाटा टूट रहा है, पर्यटन व तीर्थाटन व्यवसाय भी पटरी पर लौटने लगा है। धार्मिक पर्यटन पर आधारित इस व्यवसाय को पुनर्जीवित करने की दिशा में राज्य सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं।
2013 की आपदा में बुरी तरह तबाह हो चुकी केदारघाटी को राज्य सरकार ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान व अन्य विभागों के सहयोग से व्यवस्थित किया, तो शीतकालीन चारधाम यात्रा के जरिये भी सुरक्षित उत्तराखंड का संदेश देने की कोशिश की।
पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए देश के कई महानगरों में ट्रैवल मार्ट के जरिये प्रचार-प्रसार किया, वहीं युवा क्रिकेटर विराट कोहली को उत्तराखंड पर्यटन का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया। सरकार की कोशिश व श्रद्धालुओं की अटूट आस्था देवभूमि में पसरे सन्नाटे को तेजी से तोड़ रही है। इस बार चारधाम यात्रा व हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद ने सरकार की उम्मीदें भी बढ़ा दी हैं।