सरकारी पहचान पत्र को प्रमाणित करने की व्यवस्था के लिए SC में याचिका दायर
केंद्र ने कहा कि सरकार हर विभाग और एयरपोर्ट जैसे सार्वजनिक स्थल पर ऐसी व्यवस्था करने के लिए भारी खर्च वहन करेगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र । सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर वोटर आइडी, आधार और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान पत्रों को प्रमाणित करने की तकनीक स्थापित करने की मांग की गई। याचिका में अपराधियों और गलत व्यक्तियों द्वारा इन पहचान पत्रों के दुरुपयोग की आशंका जताई गई। कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस याचिका को प्रतिनिधित्व के तौर पर विचार करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को केंद्र से कहा कि याचिका में किए गए प्रस्ताव का जवाब दें। प्रस्ताव की तकनीकी और अन्य व्यावहारिकता का पता लगाएं। पीठ में न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव भी शामिल थे। कोर्ट रविकिरण सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
हालांकि केंद्र ने कहा कि सरकार हर विभाग और एयरपोर्ट जैसे सार्वजनिक स्थल पर ऐसी व्यवस्था करने के लिए भारी खर्च वहन करेगी। कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि इसे तुरंत लागू करने की जरूरत नहीं है लेकिन इसकी जांच अवश्य होनी चाहिए। याचिका में आरोप लगाया गया कि सार्वजनिक स्थलों पर प्रवेश के लिए ऐसे पहचान पत्रों की प्रामाणिकता का पता लगाने का तंत्र नहीं है। आम तौर पर प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए इन पहचान पत्रों का प्रयोग किया जाता है।
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