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बिहार के पीएचडी छात्र लेक्चररशिप के लिए पात्र नहीं

बिहार से पीएचडी करने वाले छात्र कॉलेजों में नहीं पढ़ा पाएंगे। यूजीसी के मानकों के अनुसार वह लेक्चररशिप के पात्र ही नहीं है। बिहार लोक सेवा अयोग (बीपीएससी) ने हाल ही में सूबे के विश्वविद्यालयों में लेक्चररशिप के लिए 3364 रिक्तियां जारी की हैं उसके अनुसार या तो नेट या फिर वर्ष 200

By Edited By: Published: Tue, 16 Sep 2014 12:21 PM (IST)Updated: Tue, 16 Sep 2014 12:31 PM (IST)
बिहार के पीएचडी छात्र लेक्चररशिप के लिए पात्र नहीं

पटना। बिहार से पीएचडी करने वाले छात्र कॉलेजों में नहीं पढ़ा पाएंगे। यूजीसी के मानकों के अनुसार वह लेक्चररशिप के पात्र ही नहीं है। बिहार लोक सेवा अयोग

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(बीपीएससी) ने हाल ही में सूबे के विश्वविद्यालयों में लेक्चररशिप के लिए

3364 रिक्तियां जारी की हैं उसके अनुसार या तो नेट या फिर वर्ष 2009 के यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार पीएचडी छात्र ही आवेदन कर सकेंगे। इस मानकीकरण के कारण बिहार के सैकड़ों पीएचडी धारी छात्र आवेदन से वंचित हो जाएंगे। बिहार के ज्यांदातर विश्वविद्यालय यूजीसी द्वारा 2009 में तय नए नियम को आधे अधूरे ढंग से अपने यहां लागू किया। कुछ ने तो यह नियम 2012-13 शैक्षणिक सत्र में लागू किया। इसकी वजह से उस समय पीएचडी में पंजीकृत या डिग्रीधारी छात्र इस अवसर से चूक गए हैं।

मामले पर विश्वसविद्यालय के प्रोफेसरों का कहना है कि बीपीएससी की इस आवेदन का क्याइ मतलब है जब बिहार के छात्र इसका लाभ ही नहीं उठा सकेंगे। हालांकि पूरे मामले पर बीपीएससी के अधिकारियों का कहना है कि जो छात्र नेट के अलावा बिहार पात्रता परीक्षा पास कर ली है वह आवेदन के हकदार होंगे। बिहार में पिछली बार कॉलेज शिक्षकों की बहाली वर्ष 2003 में हुई थी।

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