साइबर अटैक की चपेट में अब भारत भी, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट पर पड़ा असर
कुछ समय पहले हुए WannaCry वायरस अटैक के बाद एक बार फिर petya वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। इसमें भारत भी शामिल है
नई दिल्ली (जेएनएन)। कुछ समय पहले ही रैनसमवेयर वायरस ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था। अभी इस वायरस से दुनिया को थोड़ी राहत महसूस ही हुई थी की एक बार फिर वायरस अटैक हो गया। Wannacry से मिलता-जुलता यह साइबर अटैक अब एशिया तक पहुंच चुका है। रात भर में यूएस से यूरोप और अब एशिया में इसकी एंट्री हो चुकी है। यह वायरस बिजनेस, पोर्ट ऑपरेटर्स और सरकारी सिस्टम पर अटैक कर रहा है। भारत के शिपिंग मिनिस्ट्री के अनुसार मुंबई के पास भारत का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट अटैक के कारण लोड-अनलोड नहीं हो पा रहा था। मंत्रालय के अनुसार- ''गेटवे टर्मिनल इंडिया यह पता नहीं लगा पा रही थी की कौन-सा शिपमेंट किसका है?'' यह अटैक Petya वायरस द्वारा किया गया है, जो यूजर्स से सिस्टम अनलॉक करने के लिए cryptocurrency में प्रति कंप्यूटर 300 डॉलर की मांग कर रहा है।
रैनसमवेयर बन रहा बड़ा खतरा:
इस अटैक के एशिया में फैलने से यह साफ प्रतीत हो रहा है की यह वायरस पूरी दुनिया के लिए एक बड़े खतरे के रूप में उभर रहा है। जहां अभी इसका निशाना बड़ी कंपनी और बिजनेस हैं। वहीं, आगे आने वाले समय में यह व्यक्तिगत तौर तक फैल कर विकराल रूप भी ले सकता है। बैंक्स और रिटेलर्स ने तो इसके खिलाफ खुद को सुरक्षित कर लिया है। कैसपरस्काई लैब विश्लेषक के अनुसार- रूस और यूक्रेन की संस्थाएं इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। साथ ही नार्थ अमेरिका में मंगलवार यानि 27 जून के आधे दिन तक लगभग 2000 यूजर्स अटैक की चपेट में आ चुके थे।
एक नजर इससे जुड़ी बड़ी बातों पर-
- इस वायरस का सबसे ज्यादा असर यूरोपीय देशों में पड़ा है। पिछले दिनों WannaCry रैनसमवेयर का अटैक हुआ था। तब भारत समेत 150 देश प्रभावित हुए थे। ताजा हमले के बारे में बताया गया है कि यह नए तरह का WannaCry वायरस है।
- सबसे ज्यादा प्रभावित यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने कहा है कि वहां एटीएम से लेकर बैंकों, एयरपोर्ट और पॉवर ग्रिड तक ने काम करना बंद कर दिया है।
- रूस की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी के अलावा लंदन से भी हैकिंग की शिकायतें मिली हैं। वहीं, डब्ल्यूपीपी ऐड एजेंसी के सिस्टम हैक हो गए हैं।
- फिलहाल यूक्रेन के अलावा रूस, ब्रिटेन, डेनमार्क, फ्रांस और नॉर्वे में इस सायबर अटैक की पुष्टि हो गई है।
- मॉस्को की सुरक्षा फर्म ग्रुप-आईबी के मुताबिक, रूस और यूक्रेन में एक साथ हमला किया गया है। नुकसान का सही-सही आंकलन अभी होना बाकी है।
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