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पेट्रोल पंपों पर चल रहा है तेल का खेल, पेट्रोलियम मंत्री ने दी कड़ी चेतावनी

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इससे संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जहां ये इलैक्ट्रोनिक चिप्स पाए गए हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 09:42 PM (IST)Updated: Fri, 28 Apr 2017 09:47 PM (IST)
पेट्रोल पंपों पर चल रहा है तेल का खेल, पेट्रोलियम मंत्री ने दी कड़ी चेतावनी
पेट्रोल पंपों पर चल रहा है तेल का खेल, पेट्रोलियम मंत्री ने दी कड़ी चेतावनी

नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तर प्रदेश एसटीएफ की तरफ से पेट्रोल पंपों पर चिप लगाकर तेल का खेल उजागर करने के बाद पेट्रोलिय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस मामले को बेहद गंभीरता के साथ लिया है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इससे संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जहां ये इलैक्ट्रोनिक चिप्स पाए गए हैं।

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धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि वह भविष्य में उपभोक्ताओं के अधिकार और हितों का ध्यान रखते हुए भविष्य में सभी राज्य सरकारों के साथ काफी करीब से काम करना चाहते हैं और उसी तरह के सहयोग की उनके उपेक्षा करते हैं।

पेट्रोल पंपों में घटतौली की वजह नहीं जान पाए निरीक्षक

 एसटीएफ और पुलिस-प्रशासन ने तो सुराग मिलने पर पेट्रोल पंपों में की जा रही चोरी का पर्दाफाश कर दिया, लेकिन इस तरह की गड़बड़ी पकड़ने का जिम्मा जिस मूल विभाग यानी बांट-माप कार्यालय का है, उसके हाथ पेट्रोल चोरों की गर्दन तक पहुंच कर भी खाली रह गए। बांट-माप विभाग के आंकड़े बताते हैं कि बीते एक साल में प्रदेश के 223 पेट्रोल पंपों में कम तेल दिए जाने के मामले तो पकड़े गए, लेकिन विभाग के निरीक्षक इसकी वजह नहीं पकड़ पाए।

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फिलहाल ये सभी पेट्रोल पंप सील कर दिए गए हैं और मामला अदालत में है। बांट-माप विभाग ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान प्रदेश भर में कुल 19,882 पेट्रोल पंपों की जांच की, लेकिन, मशीन में हेराफेरी कर घटतौली का वे एक भी मामला नहीं पकड़ पाए। बांट-माप विभाग के उपनियंत्रक ओपी सिंह बताते हैं कि 1088 पेट्रोल पंपों में विभिन्न अनियमितताएं पाई गईं, लेकिन इसमें अधिकतर गड़बडि़यां कागजी खानापूरी से जुड़ी थीं। मसलन, कहीं पंप की मशीनों का वैरीफिकेशन नहीं हुआ था तो कहीं नपने पर मुहर नहीं लगी थी।

जांच के दौरान बांट-माप विभाग की टीमों ने 223 पेट्रोल पंपों में कम मात्रा में तेल दिए जाने का मामला पकड़ा, लेकिन विभाग के निरीक्षक मशीन में गड़बड़ी करने के साक्ष्य नहीं जुटा सके, इसलिए पंप सील कर केस दर्ज करने और पेट्रोलियम कंपनियों को मामले की जानकारी देने से आगे कुछ नहीं हो सका।

सफेद हाथी बनी हेल्पलाइन

बांट-माप विभाग कार्यालय के एक कक्ष में 'थ्री-पी' मॉडल पर संचालित की जा रही उप्र राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन भी सफेद हाथी बन कर रह गई है। 18001800300 नंबर की इस हेल्पलाइन में न कोई शिकायत दर्ज होती है और न ही शिकायत से संबंधित विभाग से हेल्पलाइन द्वारा कोई संपर्क किया जाता है। यहां बैठी युवतियां बिना किसी प्रशिक्षण के शिकायतकर्ताओं को सिर्फ सलाह देती हैं कि उन्हें कहां शिकायत करनी चाहिए। मसलन, कोई यदि यहां पेट्रोल कम मिलने की शिकायत करे तो हेल्पलाइन से हेल्प के नाम पर सिर्फ इतना ही बताया जाता है कि आप पंप के मैनेजर से शिकायत कर दीजिए।

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