डीलर्स नहीं करेंगे हड़ताल, 16 जून से रोज बदलेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम
16 जून से प्रस्तावित पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना संशोधन के खिलाफ हड़ताल की घोषणा कर चुके पेट्रोलियम डीलर्स ने अपना फैसला टाल दिया है
नई दिल्ली (जेएनएन)। 16 जून से प्रस्तावित पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना संशोधन के खिलाफ हड़ताल की घोषणा कर चुके पेट्रोलियम डीलर्स ने अपना फैसला टाल दिया है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के हस्तक्षेप के बाद पेट्रोलियम डीलर्स ने 16 जून से ‘ईंधन की कोई खरीद नहीं’ के अपने फैसले को वापस ले लिया है। आपको बता दें कि 16 जून से ही पेट्रोल डीजल की कीमतों में रोजाना संशोधन (बदलाव) का फैसला किया गया है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक करीबी सूत्र ने बताया है कि सरकार ने जुलाई से डीलर कमीशन में वृद्धि का आश्वासन दिया है, जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी इजाफा होगा।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना संशोधन को देशभर में लागू करने से पहले सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां पांच शहरों में पायलट प्रोजक्ट चला चुकी हैं जिनमें चंडीगढ़, जमशेदपुर, पुडुचेरी, उदयपुर और विशाखापट्टनम शामिल रहे। प्रधान ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “यह उपभोक्ता के हित वाला और सबसे बड़ा इकोनॉमिक पेट्रोलियम रिफॉर्म है। डीलरों के सामने आने वाली कठिनाइयों के कारण हमने फैसला किया है कि हम 11 बजे के बजाए सुबह छह बजे से नियमित प्राइजिंग की शुरूआत करेंगे।”
इससे पहले आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह, जिन्होंने बीते दिन कई राज्यों के पेट्रोल पंप डीलरों के साथ विस्तारित समझौता किया था, ने बताया कि पेट्रोल पंप ऑपरेटरों के नुकसान के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंप डीलरों ने बीते 15 दिनों में जो किया है वो उन्हें हर रोज करना होगा, सिर्फ यही एक बदलाव है।
तीन ऑयल कपनियां करती हैं कीमतों की समीक्षा:
मौजूदा समय में देश की तीन ऑयल कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम तथा हिंदुस्तान कॉरपोरेशन हर 15 दिन में तेल कीमतों की समीक्षा करती हैं। इसके आधार पर पेट्रोल-डीजल की रिटेल कीमत तय की जाती है। तेल कंपनियों की ओर से पांच राज्यों में यह पायलट प्रोजेक्ट इसलिए शुरू किया गया था ताकि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव में खुद को ढाला जा सके। इन तीन कंपनियों की फ्यूल रिटेल मार्केट में कुल मिलाकर 90 फीसद से ज्यादा की हिस्सेदारी है। इस तरह यह कंपनियां व्यावहारिक रूप से ईंधन मूल्य निर्धारण में मानदंड स्थापित करती हैं। माना जा रहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार ऑयल भी इन्हीं का अनुसरण कर सकती हैं।
विकसित देशों में होती है रोजाना समीक्षा:
दुनिया के कई विकसित देशों में तेल कंपनियां रोजाना कीमतों की समीक्षा करती हैं। इसे डायनेमिक फ्यूल प्राइसिंग कहा जाता है। रोजाना पेट्रोल और डीजल की कीमतों की समीक्षा कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करती हैं। इस फैसले से तेल कंपनियां रिटेल प्राइस को कच्चे तेल की कीमतों के आसपास रख सकेंगी। साथ ही इससे घाटा कम करने में भी मदद मिलेगी।