शिक्षकों के व्यक्तिगत ब्योरे नहीं होंगे सार्वजनिक
मंत्रालय का कहना है कि यह ब्योरा सर्वे की शुरुआत से ही लिया जा रहा है। इसलिए इसमें कुछ भी नया नहीं है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय का कहना है कि यह देश भर के कॉलेज शिक्षकों के व्यक्तिगत आंकड़े जरूर जमा कर रहा है, लेकिन इनका दुरुपयोग नहीं होगा। मंत्रालय का कहना है कि इन आंकड़ों का उपयोग आरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा।
मंत्रालय के मुताबिक अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वे (एआइएसएचई) के तहत शिक्षकों के विभिन्न व्यक्तिगत ब्योरे जुटाए जा रहे हैं। इसके तहत उन्हें अपने आधार नंबर के साथ ही उन्हें यह भी बताने को कहा गया है कि वे अनुसूचित जाति, जनजाति या अन्य पिछड़े वर्ग की श्रेणी में हैं या नहीं। मंत्रालय का कहना है कि यह ब्योरा सर्वे की शुरुआत से ही लिया जा रहा है। इसलिए इसमें कुछ भी नया नहीं है। हालांकि इस सर्वे में शिक्षकों को अपने धर्म के बारे में भी बताने को कहा गया है, लेकिन मंत्रालय ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है।
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मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कहना है कि आधार नंबर या व्यक्तिगत ब्योरे को किसी भी कीमत पर सार्वजनिक नहीं किया जाएगा और ना ही इनका कोई दुरुपयोग होने दिया जाएगा। मंत्रालय के निर्देश पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थान को इस संबंध में सभी शिक्षकों के व्यक्तिगत ब्योरे जमा करने को कहा है। आधार नंबर सहित विभिन्न ब्योरे जमा करने को ले कर बहुत से शिक्षक आशंकित भी हैं। जबकि सरकार इसकी मदद से फर्जी शिक्षकों की समस्या को समाप्त करना चाहती है।
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