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यहां अपने पैरों पर खड़े होने को मोहताज है ‘इंडिया’

फ्लोरोसिस ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में सैकड़ों गांवों के हजारों लोगों को बनाया लाचार

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 20 Feb 2018 09:46 AM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 10:38 AM (IST)
यहां अपने पैरों पर खड़े होने को मोहताज है ‘इंडिया’
यहां अपने पैरों पर खड़े होने को मोहताज है ‘इंडिया’

सोनभद्र (सुजीत शुक्ला)। पड़वाकोदवारी गांव के विजय की उम्र करीब 45 साल है, लेकिन हाल 75 साल के बुजुर्ग जैसा है। खाट पकड़ चुके हैं। जिस्म की हड्डियां इस कदर कमजोर हो गई हैं कि खुद से उठते- बैठते नहीं बनता है। किसी ने सहारा देकर उठा दिया तो बैठे रहने के लिए भी रस्सी पकड़नी पड़ती है। रस्सी छूटी नहीं कि खाट पर गिर पड़ते हैं।

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विजय की इस हालत के लिए फ्लोरोसिस रोग जिम्मेदार है जो हड्डियों को बेहद कमजोर बना डालता है। सोनभद्र के सैकड़ों गांवों में विजय जैसे हजारों पीड़ित कराहते दिख जाएंगे। यहां भूजल में फ्लोराइड की मात्रा मानक से कई गुना तक अधिक बताई जा रही है। मामला संसद तक भी पहुंचा है, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका।

सोनभद्र के पड़वाकोदवारी गांव में फ्लोरोसिस से ग्रस्त सर्वेश, केश्वर पटेल और गजाधर जागरण

269 गांव, 9000 बीमार

जिले में सरकारी तौर पर 269 गांव चिह्नित हैं, जहां भूजल में फ्लोराइड की मात्रा मानक से कई गुना अधिक पाई गई है। विभिन्न संस्थाओं के मुताबिक इन सैकड़ों गांवों के करीब 9000 लोग फ्लोरोसिस की चपेट में हैं। इनमें हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। हालांकि पीड़ितों की संख्या को लेकर सरकारी तौर पर कोई रिकार्ड नहीं है।

क्या है फ्लोरोसिस

पानी में फ्लोराइड की मात्रा सामान्य स्थिति में 1.5 एमएल प्रति लीटर होती है। इससे अधिक मात्रा वाले जल का सेवन करने पर फ्लोरोसिस रोग हो जाता है। रोग की शुरुआत में सबसे पहले दांत पीले होते हैं, फिर बाल सफेद होने लगते हैं और उसके बाद धीरे-धीरे शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। अंत में व्यक्ति अपाहिज हो जाता है।

संसद में उठ चुका है मामला

सोनभद्र के पानी में फ्लोराइड की अधिकता का मामला राज्यसभा और लोकसभा में उठाया जा चुका है। साल 2014 में तत्कालीन सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने लोकसभा में और उनसेपहले सांसद प्रभात झा ने राज्यसभा में इसे उठाया था। स्थानीय सांसद छोटेलाल खरवार ने भी बीते वर्ष इस मामले को लोकसभा में उठाया था। बावजूद इसके अब तक कोई हल नहीं निकल सका है।

फ्लोराइड रिमूवल प्लांट की मरम्मत युद्धस्तर पर जारी है। विभिन्न कंपनियों के माध्यम से यहां टैंकरों से पानी आपूर्ति कराने की भी योजना बनाई गई है। साथ ही अनेक फ्लोरोसिस क्लीनिक खोले जा रहे हैं।

- प्रमोद कुमार उपाध्याय, जिलाधिकारी, सोनभद्र

जिला अस्पताल में फ्लोरोसिस क्लीनिक खोलने की प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही यहां इलाज शुरू हो जाएगा।

- डा. एसपी सिंह, सीएमओ सोनभद्र 


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