सोशल मीडिया पर भी छाया बिहार, लोग पल-पल ले रहे बाढ का हाल
बिहार में बाढ की विभीषिका सोशल मीडिया साइट्स पर भी छाया हुआ है। दूर-दराज बैठे लोग भी पल-पल इस प्राकृतिक विपदा का हाल जानने को बेचैन हैं और लगातार इसकी जानकारी ले रहे हैं।
पटना [काजल]। बिहार में नदियों ने तबाही मचा रखी है और पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य के अधिकतर इलाके जलमग्न हो गए हैं, लोग बेघर हो गये हैं। जिंदगी की जद्दो-जहद को झेल रहे लोगों को देखकर लगता है कि सच में जीना कितना मुश्किल होता है।
छोटे-छोटे बच्चों के साथ उजड़े घर के बचे-खुचे सामानों को लेकर लोग प्रशासन के द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। अपने घर की चिंता और बाढ का स्वरूप देखकर माथे पर चिंता की लकीरें खिंची हुई हैं।
जिन्होंने कभी बाढ देखा नहीं वो तो तस्वीरें कैमरे में कैद करके सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं दोस्तों को बता रहे हैं लेकिन तंबू तले कैसे रात कट रही वो कोई बाढ पीड़ित ही बता सकता है। कई लोग अभी भी गांवों मे फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने के लिए दिनभर एनडीआरएफ की टीम लगी हुई है।
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बाढ की विभीषिका आजकल सोशल मीडिया पर छाई हुई है। दूर-दराज देश और विदेशों में बैठे लोगों को पल-पल अपने परिजनों, रिश्तेदारों की चिंता सता रही है, जिसमें सोशल मीडिया द्वारा मिल रहे अपडेट्स और तस्वीरें और वीडियोज लोगों को राहत पहुंचाने का काम कर रही हैं। दूर बैठे लोग अॉफिस में और घर पहुंचते ही लैपटॉप पर वीडियो कॉलिंग के जरिए बाढ की जानकारी ले रहे हैं।
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सोशल मीडिया पर इस प्राकृतिक आपदा को लेकर जहां राज्य सरकार के प्रति लापरवाही का आरोप लगने के बाद लोग जमकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं वहीं इस प्राकृतिक आपदा में कुछ लोग बिहार के सहयोग की भी बात कर रहे हैं। ट्विटर पर लोग लगातार बाढ के अपडेट्स डाल रहे हैं जिसपर लोग रिट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं। फेसबुक पर तो पोस्ट्स और कॉमेंट्स की भी बाढ आ गयी है। लोग अपने घरों, अपने इलाके की तस्वीरें वीडियोज शेयर कर रहे हैं, जिसे दूर बैठे उनके रिश्तेदारों तक बिहार का हाल पहुंच जा रहा है।
बिहार को लेकर प्रशासन ने पहले से कोई खास तैयारी नहीं कर रखी थी इस बात की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा है। लोग नेताओं को जमकर कोस रहे हैं। हालांकि कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री की तत्परता और फरक्का बैराज को तोड़कर बिहार को बचाने की बात की सराहना भी की है।
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दूसरी ओर मुख्यमंत्री आपदा कोष पर सबसे पहले बाढ पीड़ितों का हक बनता है, लोगों को किसी तरह की तकलीफ नहीं होने दी जाएगी...मुख्यमंत्री के इस कथन की भी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है।
वहीं कुछ समाजसेवी संस्थान बाढ पीड़तों की सहायता की अपील भी सोशल मीडिया के जरिए कर रहे हैं और पने संस्थान द्वारा पहुंचाए गए राहत कार्यों की तस्वीरें शेयर कर लोगों से भी बाढ पीडितों की मदद करने की बात को पोस्ट कर रहे हैं।
वहीं बिहार का युवा वर्ग भी सोशल मीडिया के जरिए अपनी जिम्मेदारी निभाने में पीछे नहीं है। युवा वर्ग राहत कार्य की अपील करने में सबसे आगे है। सभी अपने-अपने स्तर से बाढ पीड़ितों की सहायता के लिए आगे आ रहे हैं। यानि सोशल मीडिया कहने का ही सोशल नहीं करने का भी मीडिया की भूमिका निभाता नजर आ रहा है।
ट्विटर के कुछ ट्वीट्स
प्रदीप सोरावनगी ने ट्वीट किया है कि जी ऐसा लग रहा है जैसे २०१४ तक देश में कोई आपदा ही नहीं थी अचानक बिहार में बाढ आ गयी है और कितना लेवल गिराओगे अपना।
राहुल सिंह सोलंकी ने ट्वीट किया है कि जब सरकार यह जानती है कि बिहार में प्रत्येक वर्ष बाढ की संभावना बनी रहती है तो क्यों न पहले से ही व्यापक इंतजाम रखा जाये ?
अशोक कपूर ने लिखा है आशा है अब आप प्रकृति को ले कर ज़्यादा बकलोली नहीं किया करेंगे. घमंड अच्छा नहीं,बिहार में हर साल बाढ आता है नितिश १० साल और लालू राज १५ साल रहा फिर भी ये कुछ नहीं कर सके
वही फेसबुक पर किशोर सिन्हा ने पोस्ट किया है कि बिहार का ये नज़ारा देखने के लिए नहीं कुछ हमें भी करने के लिए प्रेरित कर रही है। हम सबको मिलकर इसका सामना करना चाहिए। ये प्रतिबद्धता है हमारी।
कृष्णा पाल सिंह ने लिखा है कि मध्यप्रदेश का रीवा भी बाढ़ से ज़बरदस्त प्रभावित हुआ सर,....आ अब लौट चलें; सच, कहीं देर न हो जाए ।