स्वच्छता को लेकर जागरूक हो रहे लोग : विमल कुमार शर्मा
हम स्वस्थ रहें, इसके लिए खुद के साथ आसपास भी स्वच्छता बनाए रखना होगा। यह किसी व्यक्ति विशेष के प्रयास से संभव नहीं है, लेकिन सामूहिक प्रयास और सामूहिक सोच से आसान हो जाता है। स्वच्छता को लेकर लोग जागरूक हो रहे हैं लेकिन हम जिस स्वच्छ भारत की परिकल्पना
हम स्वस्थ रहें, इसके लिए खुद के साथ आसपास भी स्वच्छता बनाए रखना होगा। यह किसी व्यक्ति विशेष के प्रयास से संभव नहीं है, लेकिन सामूहिक प्रयास और सामूहिक सोच से आसान हो जाता है। स्वच्छता को लेकर लोग जागरूक हो रहे हैं लेकिन हम जिस स्वच्छ भारत की परिकल्पना कर रहे हैं उसे हासिल करने के लिए सतत् प्रयास की जरूरत है। दैनिक जागरण का स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत को लेकर चलाया जा रहा अभियान इस कड़ी में एक सराहनीय प्रयास है। दैनिक जागरण ने स्कूल, कॉलेज, कार्यालय सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ सरकारी महकमों की खामियों को भी उजागर किया है। इससे हमें उन्हें दूर करने का मौका मिला है। हम इसके लिए प्रयास भी कर रहे हैं।
स्वच्छता अभियान को किसी नियम से नहीं बल्कि जागरूकता से सफल बनाया जा सकता है। किसी और को जिम्मेदार और जवाबदेह ठहराने के बजाय खुद को पहल करनी चाहिए। किसी भी व्यक्ति का सबसे अधिक समय घर में और कार्यस्थल पर बीतता है। ऐसे में हमें सबसे पहले इन दोनों स्थानों को साफ सुथरा रखने के प्रयास करने होंगे। गाजियाबाद में कार्यभार संभालने के बाद मैंने सबसे पहले स्वच्छता की तरफ ध्यान दिया। कलक्ट्रेट परिसर स्थित कार्यालयों में डस्टबिन रखवाए। दो नवंबर को कलक्ट्रेट सभागार में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने शपथ ली कि वह स्वच्छता का विशेष ध्यान रखेंगे और दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करेंगे। इसका असर भी दिख रहा है। यदि कहीं गंदगी फैली रहती है तो हम भी वहां गंदगी फेंक देते हैं। इस सोच को बदलने की जरूरत है। सिंगापुर, न्यूयार्क जैसे शहरों में सड़क किनारे या फिर सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी नहीं रहती है। इसका अधिक श्रेय वहां के लोगों को जाता है।
सरकारी और प्रशासनिक अमला इस बात का ध्यान रखता है कि कूड़ा फेंकने की व्यवस्था हो। यदि डस्टबिन नहीं है तो लोग कचरे को अपने पास ही रख लेते हैं। यही सोच भारत में भी विकसित करने की जरूरत है। प्रशासनिक और सरकारी तंत्र में भी कई कमियां हैं, मैं उन्हें दूर करने के लिए प्रयासरत हूं। जिले के सभी घरों व सरकारी स्कूलों में शौचालय का निर्माण कराना मेरी प्राथमिकता में है। मैं नियमित रूप से इनकी समीक्षा करता हूं और यदि कहीं कोई अड़चन आती है तो उसे दूर कराता हूं।
गांवों में स्वच्छता को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हम सभी को महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए अपना पूरा योगदान देना चाहिए।
विमल कुमार शर्मा जिलाधिकारी, गाजियाबाद