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आनंदीबेन की बेटी ने जमीन मामले में दी सफाई

गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की बेटी अनार पटेल ने संरक्षित गीर क्षेत्र में रिसार्ट के नाम पर सस्ती जमीन लेकर 122 करोड़ रुपये का घोटाला करने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2016 09:31 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2016 10:09 PM (IST)
आनंदीबेन की बेटी ने जमीन मामले में दी सफाई

जागरण संवाददाता, अहमदाबाद । गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की बेटी अनार पटेल ने संरक्षित गीर क्षेत्र में रिसार्ट के नाम पर सस्ती जमीन लेकर 122 करोड़ रुपये का घोटाला करने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। इस मामले में सफाई देते हुए उन्होंने कहा, 'मैं न तो वाइल्ड वुड रिसार्ट, पा‌र्श्व टेक्सकेम और अनिल इंफ्राप्लस में निदेशक हूं और ना ही शेयर होल्डर। जमीन लेने वाली इन कंपनियों से मेरा कोई संबंध नहीं है।'

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जबकि कांग्रेस इस मामले की सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) से जांच कराने की अपनी मांग पर अड़ी हुई है। पार्टी के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रित्व एवं आनंदीबेन पटेल के राजस्व मंत्री कार्यकाल के दौरान हुए सभी भूमि आवंटनों की एसआइटी से जांच कराई जाए।

अनार पटेल ने फेसबुक के जरिये कांग्रेस के आरोपों का करारा जवाब दिया है। कहा, 'मैं मुख्यमंत्री की पुत्री जरूर हूं। लेकिन मुझे भी कारोबार करने का पूरा हक है।' उन्होंने माना, 'दक्षेस भाई (दक्षेस शाह जमीन हासिल करने वाली कंपनी वाइल्ड वुड के मालिक) मेरे बिजनेस पार्टनर जरूर हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि मैं उनकी हर कंपनी में हूं।' अनार ने आगे बताया, '7 साल पहले दक्षेस भाई के साथ मिलकर मैंने अनार प्रोजेक्ट्स नाम से एक कंपनी बनाई थी। लेकिन इसके लिए हमने सरकार या सरकारी एजेंसी से कभी कोई लाभ नहीं लिया। मैं अपने आत्मविश्वास पर भरोसा करती हूं, किसी की तरफदारी लेने में नहीं।' वह आगे लिखती हैं, 'आज लोग हमारी नैतिकता पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन अंत में सत्य की जीत होगी।'

सारा विवाद गुजरात सरकार द्वारा एक भूमि आवंटन को लेकर है। 2010 में राज्य सरकार ने गीर सिंह सफारी के निकट 250 एकड़ जमीन वाइल्ड वुड्स लिमिटेड को रिसार्ट बनाने के लिए आवंटित किया था। दक्षेस शाह की इस कंपनी को यह भूमि 15 रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से आवंटित की गई थी। यह आवंटन तब हुआ था, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और आनंदीबेन पटेल सूबे की राजस्व मंत्री थीं। कांग्रेस अब इसी को मुद्दा बनाकर भाजपा, मोदी और गुजरात सरकार पर हमला बोल रही है।


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