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रेल बजट में यात्री किरायों में हो सकता है इजाफा

संसाधनों की कमी का सामना कर रहा रेलवे अपने आगामी बजट में यात्री किरायों में 5 से 10 फीसदी तक इजाफा करने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2016 12:13 AM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2016 12:21 AM (IST)
रेल बजट में यात्री किरायों में हो सकता है इजाफा

नयी दिल्ली। संसाधनों की कमी का सामना कर रहा रेलवे अपने आगामी बजट में यात्री किरायों में 5 से 10 फीसदी तक इजाफा करने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है। रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि यात्री किरायों और मालभाड़ों से होने वाली आमदनी में कमी और 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर पड़ने वाले 32,000 करोड़ रूपए के अतिरिक्त बोझ को देखते हुए यात्री किरायों में इजाफे के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।

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रेल बजट पर उम्मीदों को लगे पंख

इसके अलावा, रेलवे की ओर से कम धनराशि खर्च करने के कारण केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 2015-16 के लिए इसके सकल बजटीय समर्थन में भी 8,000 करोड़ रूपए की कटौती कर दी थी। सूत्रों ने बताया कि यात्री किरायों में बढ़ोत्तरी सहित कई संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है, लेकिन अब तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं किया गया है ।

उन्होंने बताया कि किरायों में इजाफे पर फैसला होना है और यह भी तय किया जाना है कि यदि इजाफा किया जाता है तो इसे कब से लागू किया जाएगा। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि यह बजट में ही किया जा सकता है।

रेल भवन के अधिकारियों का ऐसा मानना है कि 25 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में यात्री किरायों में इजाफे की घोषणा करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है क्योंकि ऐसी स्थिति में रेलवे मार्च से शुरू होने वाले ‘व्यस्ततम अवधि’ का इस्तेमाल कर सकती है ।
वातानुकूलित (एसी) श्रेणी के किराए पहले से ही ज्यादा हैं। यदि एसी किरायों में और इजाफा होता है तो इससे कम किराया ऐसी विमान सेवाओं का हो सकता है जो किफायती दरों पर सेवाएं मुहैया कराती हैं। इसी तरह, मालभाड़ा भी उंचे स्तर पर है जबकि इस्पात, सीमेंट, कोयला, लौह अयस्क और उर्वरक की लदाई में गिरावट दर्ज की गई है जिससे इस क्षेत्र में बढ़ोत्तरी की संभावना कम है।

नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 में सभी श्रेणियों के रेल यात्री किरायों में 14 फीसदी बढ़ोत्तरी की थी। रेलवे ने पिछले साल भी किरायों में 10 फीसदी वृद्धि की थी। इस साल जनवरी तक मालभाड़ों और यात्री किरायों से रेलवे की कुल आय 1,36,079.26 करोड़ रुपए थी जबकि रेलवे का लक्ष्य 141,416.05 करोड़ रुपए का था। यानी रेलवे आमदनी के मामले में अपने लक्ष्य से करीब 3.77 फीसदी पीछे रही।


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