राहुल के प्रमोशन में फंसा पार्टी का इलेक्शन
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ताजपोशी में संगठन चुनाव का पेंच फंस गया है। कई बार तारीख ब़़ढाए जाने और नियमों में ढील दिए जाने के बाद भी संगठन चुनाव समय से पीछे है। शीषर्ष नेतृत्व में बदलाव के संकेतों के बावजूद राज्यों में इस चुनाव को लेकर उत्साह नहीं
नई दिल्ली, सीतेश द्विवेदी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ताजपोशी में संगठन चुनाव का पेंच फंस गया है। कई बार तारीख बढ़ाए जाने और नियमों में ढील दिए जाने के बाद भी संगठन चुनाव समय से पीछे है। शीर्ष नेतृत्व में बदलाव के संकेतों के बावजूद राज्यों में इस चुनाव को लेकर उत्साह नहीं है। पार्टी सर्कुलर के मुताबिक पांच चरणों वाली चुनाव प्रक्रिया को अगस्त तक पूरा कर लेना है।
जुलाई के अंतिम सप्ताह तक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषषाध्यक्ष व शीषर्ष कार्यकारिणी का चुनाव होना है। समय से पिछ़़डे संगठन चुनाव कई राज्यों में पार्टी अभी पहले चरण का चुनाव भी ठीक ढंग से शुरूनहीं कर पाई है। चुनाव के लिए जिम्मेदार पदाधिकारी दिल्ली दरबार में होने वाले परिवर्तन की ओर निहार रहे हैं। संगठन चुनाव का पहला चरण जोन एक में पांच मई तक, जबकि जोन दो में 15 मई तक पूरा होना है।
लेकिन हाल यह है कि पार्टी ने चुनाव समन्वयन के लिए गठित होने वाले पीआरओ व एपीआरओ का गठन भी नहीं किया है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक पदाधिकारी ने कहा कि संगठन चुनाव में देरी के लिए केंद्रीय चुनाव समिति जिम्मेदार है। ऐसा लगता है कि चुनाव प्रक्रिया को अंतिम दिनों तक खींचा जाएगा, ताकि दिल्ली को अपने लोगों को नामित करने में असानी हो।
राहुल के लिए देरी संगठन चुनावों में इस देरी को शीर्ष नेतृत्व में संभावित बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक राहुल को अध्यक्ष बनाने को लेकर फैसला पार्टी कार्यसमिति में लिया जाना है। जबकि बाद में पार्टी अधिवेशन में उस पर मुहर लगवाई जाएगी। पार्टी उपाध्यक्ष के करीबी नेताओं की कोशिश संगठन चुनावों के जरिएसंगठन में अपने वफादारों को बैठाने की है। माना जा रहा है कि संगठन चुनावों में राहुल की रचि को देखते हुए केंद्रीय चुनाव समिति उनकी किसी पहल का इंतजार कर रही है।