संसदीय समिति ने राजनीतिक दलों से पूछा, क्या दो हजार की सीमा व्यवहारिक है
संसदीय समिति ने राजनीतिक दलों से पूछा है कि क्या चंदे के मामले में दो हजार रुपये कैश की सीमा व्यवहारिक है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। चुनावी सुधारों के बाबत पड़ताल कर रही संसदीय समिति ने राजनीतिक दलों से पूछा है कि क्या चंदे के मामले में दो हजार रुपये कैश की सीमा व्यवहारिक है। सभी राजनीतिक दलों को प्रश्नावली भेजकर जवाब मांगा गया है।
उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार चुनाव आयोग में पंजीकृत दलों को आयकर से छूट दी जाती है। लेकिन राजनीतिक दलों के पास जमा फंड को लेकर तमाम सवाल हाल के समय में खड़े हुए थे। उसके बाद फाइनेंस बिल 2017 के जरिये आयकर एक्ट में संशोधन के लिए सरकार कोशिश कर रही है। इसमें सबसे अहम राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को पारदर्शी बनाना है। इसमें यह भी कोशिश है कि राजनीतिक दल कैश के रूप में चंदा कम से कम लें। दो हजार रुपये से ज्यादा के चंदे को प्रतिबंधित करने पर सरकार का जोर है।
पूर्व चुनाव आयुक्तों के समूह ने इस सुधार का समर्थन किया है, लेकिन उनका यह भी कहना है कि प्रावधान और ज्यादा कड़े करने की जरूरत है, क्योंकि राजनीतिक दल काले धन को सफेद करने का दूसरा रास्ता भी तलाश करने में गुरेज नहीं करेंगे। चुनावी बांड को लेकर भी समिति राजनीतिक दलों से सवाल कर रही है कि क्या इससे चंदा देने वाले की निजता पर कोई असर पड़ेगा। हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खुद राज्यसभा में कहा था कि चुनावी बांड से न केवल चंदे में पारदर्शिता आएगी बल्कि इससे चंदा देने वाले का ब्योरा भी आयकर विभाग के पास रहेगा।
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