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अपने माता-पिता को 24 घंटे बिजली मुहैया न कराने का कलाम को मलाल

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को इस बात का बेहद अफसोस है कि वह अपने माता-पिता को उनके जीवन काल में 24 घंटे बिजली की सुविधा मुहैया नहीं करा पाए। लेकिन अब वह तमिलनाडु के रामेश्वरम में रह रहे उनके 99 वर्षीय बड़े भाई एपीजे एम मराईकयार को यह सुविधा

By Murari sharanEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2015 07:14 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2015 07:18 PM (IST)
अपने माता-पिता को 24 घंटे बिजली मुहैया न कराने का कलाम को मलाल

नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को इस बात का बेहद अफसोस है कि वह अपने माता-पिता को उनके जीवन काल में 24 घंटे बिजली की सुविधा मुहैया नहीं करा पाए। लेकिन अब वह तमिलनाडु के रामेश्वरम में रह रहे उनके 99 वर्षीय बड़े भाई एपीजे एम मराईकयार को यह सुविधा उपलब्ध कराकर खुश हैं।

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पूर्व राष्ट्रपति का यह दर्द उनकी नई किताब 'रिइगनाइटेड : साइंटिफिक पाथवेज टू ए ब्राइटर फ्यूचर' में उजागर हुआ है। कलाम ने इस पुस्तक को अपने करीबी सृजन पाल सिंह के साथ मिलकर लिखा है।

पूर्व राष्ट्रपति के अनुसार, 'मेरे पिता जैनुलअबुदीन 103 और मां आशियाम्मा 93 वर्षों तक जिंदा रहे। अब मेरे भाई की उम्र 99 वर्ष है। मैंने उनके लिए 24 घंटे बिजली आपूर्ति की सुविधा सुनिश्चित कर दी है।

बिजली की कटौती के दौरान भी उन्हें सौर ऊर्जा के जरिये आपूर्ति जारी रहती है। लेकिन मैं यह सुविधा अपने माता-पिता के लिए नहीं मुहैया करा पाया। इसका मुझे जिंदगी भर अफसोस रहेगा।'

कलाम ने कहा कि ईमानदारी और आत्म संयम जैसे गुण उन्हें माता-पिता से विरासत में मिले हैं। 2002-07 की अवधि में भारत के राष्ट्रपति रहे कलाम ने किताब में अपनी स्कूली दिनों की दुश्वारियों को भी याद किया है।

उनका कहना है कि उनके घर में केरोसिन की ढिबरी केवल रात 7 से 9 बजे तक ही जला करती थी। उसी से घर में रोशनी हुआ करती थी, लेकिन उन्हें उनकी मां एक छोटी सी ढिबरी रात 11 बजे तक पढ़ाई के लिए दिया करती थीं।

इस पुस्तक में देश के 11वें राष्ट्रपति रहे कलाम ने बच्चों को आह्वान किया है कि वे अपनी जिंदगी की छोटी-छोटी घटनाओं से बड़ी प्रेरणा लेने की आदत विकसित करें। अपने बचपन को याद करते हुए कलाम ने बताया, 'हमारा घर काफी अनोखा था।

मेरे माता-पिता जो कुछ भी होता था, उसे हम सब में बांटते थे। उन्होंने ऐसा कभी नहीं दर्शाया कि हमारी परवरिश में उन्हें कोई कठिनाई हो रही है।' पूर्व राष्ट्रपति ने बच्चों को महान लोगों के चार गुण बताए हैं। उनके अनुसार महान बनने के लिए ऊंचा ध्येय, लगातार ज्ञान हासिल करते रहना, कठोर परिश्रम और समस्याओं से निडर रहना जरूरी है।


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