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भारत का ये पड़ोसी देश नॉर्थ कोरिया को परमाणु हथियार बनाने में कर रहा मदद

यूएन कथित रूप से उत्तर कोरिया को प्रतिबंधात्मक परमाणु सामग्री 'मोनेल' और 'इनकेल' की आपूर्ति में इस्लामाबाद की भूमिका की जांच कर रही है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 30 May 2017 11:08 AM (IST)Updated: Tue, 30 May 2017 02:41 PM (IST)
भारत का ये पड़ोसी देश नॉर्थ कोरिया को परमाणु हथियार बनाने में कर रहा मदद
भारत का ये पड़ोसी देश नॉर्थ कोरिया को परमाणु हथियार बनाने में कर रहा मदद

न्‍यूयॉर्क, एएनआइ। अंतरराष्ट्रीय समुदाय अभी तक उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग को मिसाइल परीक्षण करने से रोकने में असफल रहा है। सोमवार को ही उत्‍तर कोरिया ने एक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया, जो जापान के अधिकार क्षेत्र वाले सागर में जाकर गिरी। संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान लगातार उत्‍तर कोरिया को परमाणु हथियार बनाने में मदद कर रहे हैं। उत्‍तर कोरिया को मिसाइल बनाने के लिए परमाणु सामग्री पाकिस्‍तान ही गुपचुप तरीके से उपलब्‍ध करा रहा है। यही वजह है कि उत्‍तर कोरिया इस साल अभी तक 9 मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है और अमेरिका के युद्धपोतों को भी पानी में डुबाने की धमकी दे चुका है। 

दरअसल, पाकिस्तान उन कुछ देशों में से एक है, जिसके उत्तर कोरिया के साथ राजनयिक और आर्थिक संबंध दोनों हैं। यह रिश्ता 1970 के दशक से जुड़ा हुआ है, जब पाकिस्‍तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने समाजवादी राज्यों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए अपनी विदेश नीति अभियान के तहत प्योंगयांग राज्‍य की राजकीय यात्रा की थी।

संयुक्‍त राष्‍ट्र इस समय उत्‍तर कोरिया द्वारा लगातार किए जा रहे मिसाइल परीक्षणों को लेकर काफी चिंतित है। हालांकि वो इससे ज्‍यादा पाकिस्‍तान जैसे देशों को लेकर परेशान है, जो कथित तौर पर किम जोंग जैसे तानाशाह को प्रतिबंधात्‍मक परमाणु सामग्री की आपूर्ति करा रहे हैं, जिसकी वजह से नॉर्थ कोरिया एक के बाद एक मिसाइलों का सफल परीक्षण करता जा रहा है।

पाकिस्तान जैसे देशों पर नियंत्रित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 2006 में पारित 1718 और 2016 में पारित 2270 के तहत यूएन कथित रूप से उत्तर कोरिया को प्रतिबंधात्मक परमाणु सामग्री 'मोनेल' और 'इनकेल' की आपूर्ति में इस्लामाबाद की भूमिका की जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, ये परमाणु सामग्री कथित तौर चीन से प्राप्त हुई और पाकिस्तान ऊर्जा आयोग (पीएएसी) के माध्यम से प्योंगयांग तक पहुंचाई जा रही है। पिछले वर्ष से ही संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय को इस संबंध में शिकायतें प्राप्त हो रही थीं।

यूएन की वेबसाइट पर मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले सालों में पाकिस्‍तान के एयरपोर्ट पर उत्‍तर कोरिया के 'एयर कोरियो' एयरलाइंस के विमान कई बार ईंधन भरने के लिए उतरे। पिछले विमान की लैंडिंग 17 जुलाई 2016 को हुई थी। आशंका जताई जा रही है कि इस दौरान ही परमाणु सामग्री विमानों में लोड हो गई।

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हालांकि पाकिस्तान ने कहा है कि ये लैंडिंग पूरी तरह से तकनीकी थीं और इसमें माल की लोडिंग या अनलोडिंग शामिल नहीं थी। अब पूछा गया है कि क्या इस्लामाबाद ने एयर कोरिया विमानों का निरीक्षण किया, जब वे पाकिस्तानी की जमीन पर उतरे? लेकिन इस सवाल का जवाब इस्लामाबाद के न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में स्थायी मिशन ने अभी तक नहीं दिया है।

इसे भी पढ़ें: उत्‍तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के पीछे हैं अमेरिका के ही दो करीबी


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