नहीं सुधरेगा पाकिस्तान, मुंबई हमले में भारत से मांगे और सुबूत
पाकिस्तान में चल रही सुनवाई में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर रहमान लखवी और छह अन्य को आरोपी बनाया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान ने फिर यह साबित कर दिया है कि मुंबई हमले के आरोपियों को गिरफ्तार करने या उन पर कार्रवाई करने को लेकर वह गंभीर नहीं है। ऐसे समय जब भारत की तरफ से पठानकोट हमले की जांच के लिए भारतीय जांच एजेंसियों को पाकिस्तान जाने की अनुमति को लेकर दबाब बढ़ाया जा रहा है, तब पाकिस्तान ने मुंबई हमले का मुद्दा उठाया है।
पाकिस्तानी विदेश सचिव ने भारतीय विदेश सचिव को पत्र लिखकर मुंबई हमले के संदर्भ में नए सुबूतों की मांग की है। पाकिस्तान ने एक तरह से यह जताने की कोशिश की है कि इस हमले की जांच में भारत की तरफ से ही उसे सुबूत नहीं दिए जा रहे हैं।पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस्लामाबाद में साप्ताहिक प्रेस वार्ता में इस बारे में जानकारी दी है। प्रवक्ता नफीस जकारिया के मुताबिक, 'हमारे विदेश सचिव ने भारतीय विदेश सचिव को पत्र लिखा है कि मुंबई हमले को लेकर अतिरिक्त सबूत दिए जाएं। भारत की तरफ से जवाब का इंतजार किया जा रहा है।'
वैसे, उन्होंने यह नहीं बताया कि यह पत्र कब लिखा गया है और किस तरह के सुबूत भारत से मांगे गए हैं। लेकिन यह पिछले वर्ष भारत-पाकिस्तान के बीच दो चरणों में हुई बातचीत के दौरान बनी सहमति के भी खिलाफ है। भारत लगातार यह कहता रहा है कि मुंबई हमले के आरोपियों का अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त सुबूत दिए जा चुके हैं।पिछले वर्ष बैंकाक और इस्लामाबाद में भारत-पाक के बीच दो स्तरों की बातचीत में मुंबई हमले की जांच का मामला बहुत प्रमुखता से उठा था। भारत की तरफ से लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर रहमान लखवी के आवाज का सैंपल मांगा गया था। तब पाकिस्तान आवाज का नमूना देने को तैयार हुआ था।
लेकिन जनवरी, 2016 में पठानकोट हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते पूरी तरह से पटरी से उतर गए। पठानकोट हमले की जांच भी पाक की हठधर्मिता की वजह से आगे बढ़ती नहीं दिख रही है। भारत की तरफ से बार-बार याद दिलाने के बावजूद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को पाकिस्तान जाने की मंजूरी अब तक नहीं मिल पाई है।
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