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पाकिस्‍तान के सालाना बजट में मकान, पानी, रोजगार से बढ़कर हैं हथियारों का खर्च

पाकिस्‍तान ने अपना सालाना बजट पेश करते हुए इस बार का रक्षा बजट 920 बिलियन करने का एलान किया है। हालांकि अपने बजट में पाकिस्‍तान ने अन्‍य चीजों को पीछे छोड़ दिया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 27 May 2017 09:53 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 09:58 AM (IST)
पाकिस्‍तान के सालाना बजट में मकान, पानी, रोजगार से बढ़कर हैं हथियारों का खर्च
पाकिस्‍तान के सालाना बजट में मकान, पानी, रोजगार से बढ़कर हैं हथियारों का खर्च

नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। पाकिस्‍तान की नेशनल असेंबली में वित्‍तमंत्री इशाक डार ने वर्ष 2017-18 के लिए नए बजट की घोषणा कर दी है। पाकिस्‍तान का पूरा बजट करीब 4.75 ट्रिलियन का है। पाकिस्‍तान ने इस बार के अपने रक्षा बजट में करीब सात फीसद का इजाफा करते हुए इसको 920 बिलियन कर दिया है। वर्ष 2016-17 में पाकिस्‍तान ने रक्षा क्षेत्र के लिए 860 अरब का बजट रखा था। वहीं वर्ष 2015-16 में पाकिस्‍तान ने अपने रक्षा बजट में करीब 15 फीसद की वृद्धि की थी।

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पीओके के लिए भी बजट

पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में इजाफा ऐसे समय में किया है जब भारत के साथ उसके संबंध बेहद गंभीर स्थिति में हैं। भारत लगातार पाकिस्तान पर सीमापार से आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप लगा रहा है। कश्मीर घाटी में हालात बिगाड़ने की कोशिश और भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले लगातार पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं अपने इस बजट में पाकिस्‍तान ने अवैध रूप से कब्‍जा किए हुए जम्‍मू कश्‍मीर के हिस्‍से पर करीब 45.6 बिलियन के प्रोजेक्‍ट की भी बात कही है। उनके मुताबिक यह प्रोजेक्‍ट बाल्टिस्‍तान, फाटा और गिलगिट में बनाए जाएंगे।

यूएन की चिंता के बाद भी सीपैक के लिए भी बजट

माना यह जा रहा है कि भारत से बढ़ते तनाव के चलते ही पाकिस्‍तान ने अपने रक्षा बजट में यह इजाफा किया है। इसके अलावा इशाक डार ने अपने बजट भाषण में चीन के साथ बन रहे आर्थिक कॉरिडोर के लिए भी 180 बिलियन देने का एलान किया है। खराब होती अर्थव्‍यवस्‍था के बीच और राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय विरोध के बाद भी पाकिस्‍तान ने चीन के सहयोग से बन रहे आर्थिक गलियारे के लिए करीब 62 अरब का निवेश किया है जो कि 46 अरब के शुरुआती निवेश से 34 फीसद ज्यादा है। ऐसा तब है कि जब हाल ही में आई संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने चेतावनी दी थी कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने का बुरा असर हो सकता है। इससे पूरे इलाके में तनातनी बढ़ सकती है। भारत और पाकिस्तान के रिश्ते और खराब हो सकते हैं।

ग्‍वादर में नए प्रोजेक्‍ट का एलान

पाकिस्‍तान का सालाना बजट पेश करते हुए वित्‍त मेंत्री डार ने ग्‍वादर पोर्ट के लिए भी 31 नए प्रोजेक्‍ट जिसमें नए एयरपोर्ट और अस्‍पताल शामिल हैं का भी एलान किया है। अपने बजट भाषण में वित्‍तमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 तक पाकिस्‍तान दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था में से एक होगा। वित्त मंत्री ने तीन साल पहले शुरू कि गए जर्ब-ए-अज्ब कार्यक्रम के तहत आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाकर उन्हें हराने में योगदान देने वाले सशस्त्र बलों के विशेष भत्ते में 10 फीसदी के इजाफे की घोषणा की।

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7.3 अरब जा पहु्ंचा है पाकिस्‍तान का चालू घाटा

गौरतलब है कि पाकिस्‍तान में विकास दर पिछले वर्ष महज पांच फीसद रही थी। वहीं अब वित्‍त मंत्री ने छह फीसद की विकास दर पाने का लक्ष्‍य रखा है। दूसरी ओर पाकिस्तान का चालू घाटा दस महीनों में बढ़कर 7.3 अरब पहुच चुका है। इसका व्यापार घाटा अप्रैल में 3.2 अरब था। पाकिस्तान में बेरोजगारी की दर 6 प्रतिशत है। लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह दर करीब दस फीसद तक है। ब्लूमबर्ग की 21 सितंबर की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो सालों में सौ से ज्यादा कारखाने बंद हो चुके हैं, जिसके चलते 5 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए हैं।

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खेती की विकास दर में गिरावट दर्ज

भारत की ही तरह पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था खेती प्रधान है। देश की अर्थव्यवस्था में 19.8 फीसद योगदान खेती का है। यही वजह है कि देश में सबसे ज्यादा 42.3 फीसद लोग खेती के काम मे लगे हैं। 2015-16 के पाकिस्तान के आर्थिक सर्वे के मुताबिक, खेती पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की जान है। लेकिन पिछले वर्ष इस क्षेत्र में .19 फीसद की गिरावअ दर्ज की गई है। पाकिस्‍तान में पानी का प्रमुख स्रोत यहां की नदियां हैं जिनमें सिंधु चेनाब और झेलम शामिल हैं। इनसे पूरे पाकिस्‍तान को न सिर्फ पानी मिलता है बल्कि यही पाकिस्‍तान की  90 फीसद खेती की सिंचाई का जरिया भी है।

भारत से डरा पाकिस्‍तान

गौरतलब है कि कुछ समय पहले आई सिपरी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि भारत विश्‍व में हथियारों का सबसे बड़ा आयातक है। हाल के कुछ वर्षों में भारत ने इजरायल, अमेरिका समेत कुछ अन्‍य देशों से रक्षा क्षेत्र में बड़ी डील भी की हैं। इसके अलावा भारत का रक्षा बजट भी पाकिस्‍तान के मुकाबले काफी ज्‍यादा है। यही वजह है कि भारत से बराबरी करने की मंशा के तहत पाकिस्‍तान ने अपने रक्षा बजट में इजाफा किया है। उनका कहना है कि चीन को अपना करीबी दोस्‍त बताने वाला पाकिस्‍तान यह भूल गया है कि चीन की निगाह में उसकी अहमियत कितनी है। चीन में बीते दिनों ओआरओबी को लेकर हुए सम्‍मेलन में चीन को रिसीव करने कोई बड़ा अधिकारी नहीं आया था। वहीं सऊदी अरब में पाकिस्‍तान को बोलने का मौका ही नहीं दिया गया था।

रक्षा विशेषज्ञ की राय

पाकिस्‍तान के रक्षा बजट पर jagran.com से बात करते हुए रक्षा विशेष अनिल कौल ने कहा कि पाकिस्‍तान भारत को अपना सबसे बड़ा दुश्‍मन मानता है। वह जो भी कुछ करता है उसके केंद्र में भारत ही होता है। रक्षा बजट को बढ़ाने के पीछे भी भारत ही है। वह मानते हैं कि पाकिस्‍तान अपने रक्षा बजट का उपयोग महज दो चीजों में करता है पहला मिसाइल बनाने और दूसरा परमाणु हथियार हासिल करने या बनाने में। इसमें भी अमेरिका द्वारा दी जा रही आर्थिक मदद शामिल होती है। इसके अलावा जिस बजट का एलान इशाक डार ने नेशनल असेंबली में किया है वह आर्टिफीशियल बजट है। इसमें सेना के खर्च के साथ कई अन्‍य चीजें भी जुड़ी हैं। मौजूदा समय में अमेरिका से पाकिस्‍तान को करीब 300 मिलियन की आर्थिक मदद भी दी जा रही है जिसको वह इस तरह के बजट में शामिल कर लेता है।

चीन की साजिश

सीपैक और पीओके में नए प्रोजेक्‍ट के लिए रखे गए बजट से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था ही चीन की दी हुई आर्थिक मदद के सहारे चलती है। सीपैक को चीन ने बड़ी चतुराई से शुरू किया है जिसका मकसद इस पूरे इलाके पर न सिर्फ कब्‍जा करना है बल्कि पाकिस्‍तान से इसको हासिल करना भी है। यह ठीक ऐसे ही होगा जैसे चीन ने श्रीलंका में एक पोर्ट का किया खर्च न चुकाने की सूरत में पूरे इलाके को वैद्य तरीके से हासिल कर लिया है। भारत के लिए एक समस्‍या यह जरूर है कि जम्‍मू कश्‍मीर का ऊपरी क्षेत्र पाकिस्‍तान चीन को पहले ही सौंप चुका है, लिहाजा यहां पर भारत की सीधी टक्‍कर पाकिस्‍तान से नहीं चीन के साथ है। इसके अलावा पाकिस्‍तान का रक्षा बजट बढ़ने से बहुत ज्‍यादा चिंता की बात रक्षा विशेषज्ञ अनिल कौल को नहीं लगती है।

पाकिस्‍तान के बजट की झलकियां

रक्षा बजट

920 बिलियन डॉलर

हाउसिंग

1 मिलियन डॉलर
पानी 38 बिलियन डॉलर
रोड और हाईवे  320 बिलियन डॉलर
रेलवे 46 बिलियन डॉलर
मानव संसाधन 35.7 बिलियन डॉलर
स्‍वास्‍थ्‍य 49 बिलियन
सीपैक 180 बिलियन डॉलर
पीओके में स्‍पेशल प्रोजेक्‍ट 45.6 बिलियन डॉलर

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