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बड़े दिलवाले पाकिस्तानी पिता ने दोषी भारतीय युवकों को किया माफ

पेशावर के रहने वाले मृतक मोहम्मद फरहान के पिता मोहम्मद रियाज ने हत्यारों को माफ करने का फैसला लिया।

By Suchi SinhaEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 12:16 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 05:07 PM (IST)
बड़े दिलवाले पाकिस्तानी पिता ने दोषी भारतीय युवकों को किया माफ
बड़े दिलवाले पाकिस्तानी पिता ने दोषी भारतीय युवकों को किया माफ

अबूधाबी, आइएएनएस : अरब मुल्क अबूधाबी से दिल को छू देने वाली खबर आई है। ..और इस खबर में बड़े दिल वाले दो शख्स हैं। एक वो पाकिस्तानी, जिसका बेटा खूनी झगड़े का शिकार हो इस दुनिया से चला गया तो दूसरा शख्स भारतीय मूल का सिख कारोबारी, जिंदगी बचाना जिसका शगल है। इस बार उसने मूल रूप से पंजाब के रहने वाले दस युवकों की जान बचाई है। एसपीएस ओबेरॉय अभी तक 88 लोगों की जान बचा चुके हैं। घटना 2015 की है। अबूधाबी में काम करने वाले दस भारतीयों का झगड़ा पाकिस्तानी युवक फरहान से हुआ था।

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यह झगड़ा मारपीट की हद तक पहुंचा और सामूहिक पिटाई में फरहान की मौत हो गई। शरई अदालत में हुई सुनवाई में सभी दस भारतीय युवकों को अक्टूबर 2016 में दोषी ठहराया गया। शरई कानून में हत्या की सजा मौत है। इसलिए पक्का था कि दोषी युवकों को मौत की सजा मिलेगी। लेकिन तभी इस घटना की जानकारी दुबई के कारोबारी भारतीय मूल के कारोबारी एसपीएस ओबेरॉय को मिली। समाज सेवा के लिए ओबेरॉय 'सरबत दा भला' नाम का गैर सरकारी संगठन चलाते हैं।

ओबेरॉय ने दोषी पाए गए दस भारतीयों की जिंदगी बचाने की ठानी। उन्होंने अपने आदमी को फरहान के पेशावर (पाकिस्तान) स्थित आवास भेजा। हर संभव तरीके से समझाया कि उनका बेटा फरहान तो दुनिया से चला गया, दुखी परिवार में उसकी जगह कोई नहीं ले सकता। अगर दोषी ठहराए गए दस युवकों को मौत की सजा मिल गई तो उससे कितने घरों में मातम पसरेगा ? युवकों की गलती की सजा कितने लोग भुगतेंगे ? इससे फरहान के परिवार को क्या मिलेगा ?

ओबेरॉय के भेजे आदमी की बात फरहान के पिता और बाकी परिजनों की समझ में आ गई। वे बड़ा दिल करके दोषी युवकों को माफ करने के लिए तैयार हो गए। लेकिन शरई कानून के मुताबिक इसके लिए दोषी युवकों को पीडि़त परिवार को मुआवजा राशि ( ब्लड मनी) चुकानी थी। इस काम के लिए ओबेरॉय तैयार हुए। उन्होंने एहसान के पिता को अबूधाबी लाने और मुआवजा राशि का बंदोबस्त किया। मुआवजा राशि अल अईन शहर की अदालत में जमा कराई। अदालत ने फैसले के लिए अब 12 अप्रैल की तारीख निश्चित की है। इस तारीख को सब दस भारतीयों को दोषमुक्त किये जाने का एलान होगा। भारतीय दूतावास के अधिकारी दिनेश कुमार ने इसकी पुष्टि की है।

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