दक्षिण एशिया में अलग थलग पड़ा पाकिस्तान, हर पड़ोसी है परेशान
पाकिस्तान भले ही कश्मीर को लेकर घड़ियाली आंसू बहाए, लेकिन हकीकत यह है कि पूरे दक्षिण एशिया में उसके नापाक मंसूबों के खिलाफ तेजी से हवा बन रही है
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। कश्मीर पर पाकिस्तान चाहे जितना गाल बजा लेकिन हकीकत यह है कि पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में उसके नापाक मंसूबों के खिलाफ हवा तेजी से बन रही है। ढाका में इटालियन कैफे में आतंकी हमले के बाद बांग्लादेश ने पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया था अब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी ने सीधे तौर पर पाकिस्तान सरकार पर आतंक को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
पाक सरकार की तरफ से आतंकियों को मदद देने के रवैये से सबसे ज्यादा परेशान भारत इन दोनो देशों के साथ मिल कर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करेगा।
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सूत्रों के मुताबिक यह पहला मौका है जब दक्षिण एशिया के तीन अहम देश खुल कर पाकिस्तान की तरफ से आतंक को प्रश्रय देने की आधिकारिक नीति बनाने के खिलाफ खड़े हुए हैं। पूरे क्षेत्र में पाकिस्तान अलग थलग पड़ गया है। भारत पहले से कहता रहा है कि पाकिस्तान ही तमाम आतंकी गतिविधियों का केंद्र बिंदू है क्योंकि वह उन्हें सरकारी नीति के तौर पर मदद करता है। बांग्लादेश भी अब खुल कर कहने लगा है कि उसके यहां आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने में पाकिस्तान की एजेंसियां का हाथ है।
अफगानी राष्ट्रपति अशरफ घनी ने यह कहना कि उनके लिए अलकायदा व तालीबान से लड़ने से ज्यादा मुश्किल पाकिस्तान सरकार के आतंकी रवैये से लड़ना है, बताता है कि वह कितने आजीज हो चुके हैं। यह वही घनी है जिन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद पाकिस्तान की यात्रा की थी और अफगान व पाक के बीच रिश्ते को भाई-भाई का रिश्ता बताया था। लेकिन दो वर्ष के भीतर उनकी आंखे खुल गई है। घनी ने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि पाकिस्तान सरकार अफगान में आतंक मचाने वाले आतंकी संगठनों को बढ़ावा दे रही है।
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ऐसे में अगर ये तीनों देश अपनी बात अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक साथ रखे तो पाकिस्तान पर दवाब बनाना ज्यादा आसान होगा। जानकारों की मानें तो इस सोच को अमली जामा पहनाना मौजूदा हालात में बहुत मुश्किल नहीं है। क्योंकि बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ के भारत के रिश्ते फिलहाल सबसे अच्छे दौर से गुजर रहे हैं। भारत ने इन दोनों देशों के साथ एक परिपक्व व मददगार पड़ोसी की तरह पेश आने की नीति को सफलतापूर्वक लागू कर रहा है। बांग्लादेश व अफगान दोनों को भारत की तरफ से दी जाने वाली मदद का नतीजा अब जमीन पर दिखाई देने लगा है।
मसलन, बांग्लादेश के साथ जमीन अदला बदली के समझौते को भारत ने अंतिम तौर पर लागू कर दिया है तो अफगाानिस्तान में ढांचागत विकास के लिए लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैैं। हाल ही में भारत की मदद से वहां का सबसे बड़ा डैम शुरू कर दिया गया है।
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