कुलभूषण जाधव मामले पर ICJ में फिर मुंह की खाएगा पाकिस्तान, जानिए क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय वकील और ICJ में पूर्व लॉ क्लर्क रह चुके शशांक कुमार के मुताबिक फैसले में बदलाव के लिए ICJ को संतुष्ट करना पड़ेगा कि अब हालात में बदलाव हो चुके हैं।
नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव की फांसी के मामले पर इंटरनेशल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने इस मामले की एक बार फिर सुनवाई चाहता है। लगता है पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी हार मानने मन बना लिया है इसलिए ही उसने ऐसा कदम उठाया है, क्योंकि उसे किसी तरह के राहत की उम्मीद कम है।
पाकिस्तान ने भारत को जाधव तक राजनयिक पहुंच न देकर वियना संधि का उल्लंघन किया था इसी वजह से ICJ ने अपने अंतिम फैसले के आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगाने का आदेश जारी किया।
अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक अगर पाकिस्तान ICJ के जूरिस्डिक्शन को चुनौती देता है तो अंतरराष्ट्रीय अदालत उसके पिटिशन की अलग से सुनवाई का फैसला ले सकती है। लेकिन इससे भारत को मिली अंतरिम राहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्तान ICJ नियमों के अनुच्छेद 76 का सहारा ले सकता है। इस अनुच्छेद के मुताबिक कोर्ट किसी पक्ष की गुजारिश पर जरूरी हुआ तो अपने अंतरिम फैसले या फाइनल जजमेंट को सशोधित कर सकता है या उसे वापस ले सकता है।
यही नियम यह भी कहता है कि फैसले में संशोधन या उसे वापस लेने के लिए कोई भी गुजारिश तभी की जाएगी जब हालात में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हुए हों। ऐसी किसी गुजारिश पर कोर्ट दोनों पक्षों को अपनी बात रखने का मौका देगी।
अंतर्राष्ट्रीय वकील और ICJ में पूर्व लॉ क्लर्क रह चुके शशांक कुमार के मुताबिक फैसले में बदलाव के लिए ICJ को संतुष्ट करना पड़ेगा कि अब हालात में बदलाव हो चुके हैं। फैसला जिन हालात में दिया गया था, अब वह पूरी तरह बदल गए हैं।
उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर, पाकिस्तान कोर्ट को इस बात का भरोसा दे सकता है कि वह अंतिम फैसले से पहले जाधव को फांसी नहीं देगा। शुरुआती सुनवाई में पाकिस्तान ने ICJ को इस तरह का कोई भरोसा नहीं दिया था।
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