Move to Jagran APP

हाफिज सईद पर पाकिस्तान ने कसा और शिकंजा, 44 हथियारों के लाइसेंस रद

पाकिस्तान ने हाफिज सईद और JuD संगठन से जुड़े अन्य सदस्यों के 44 हथियारों के लाइसेंस को रद कर दिया है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 21 Feb 2017 05:56 PM (IST)Updated: Tue, 21 Feb 2017 07:11 PM (IST)
हाफिज सईद पर पाकिस्तान ने कसा और शिकंजा, 44 हथियारों के लाइसेंस रद
हाफिज सईद पर पाकिस्तान ने कसा और शिकंजा, 44 हथियारों के लाइसेंस रद

लाहौर, प्रेट्र। पाकिस्तान ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और उसके सहयोगियों को जारी किए गए सभी 44 हथियारों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह कार्रवाई की गई है। पंजाब प्रांत के गृह मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने मंगलवार को इसे सईद के संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत के खिलाफ कार्रवाई का हिस्सा बताया।

loksabha election banner

पंजाब गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक जमात और फलाह ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं जो देश की शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकते हैं। दोनों संगठनों को छह महीने के लिए निगरानी सूची में रखा गया है। म्यूनिख में एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन के दौरान पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ सार्वजनिक तौर पर सईद को पाक के लिए गंभीर खतरा बता चुके हैं।

यह भी पढ़ें: भारत विरोधी आतंकियों पर कार्रवाई को लेकर बेहद खराब है पाक का रिकार्ड

उल्लेखनीय है कि 30 जनवरी को पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी कानून की चौथी अनुसूची के तहत सईद को लाहौर स्थित उसके घर में 90 दिनों के लिए नजरबंद कर दिया गया था। इस कानून के तहत कार्रवाई का यह भी मतलब है कि वह किसी न किसी तरह आतंकवाद से जुड़ा है। फरवरी की शुरुआत में सईद और जमात व फलाह से जुड़े 37 लोगों का नाम 'एग्जिट कंट्रोल लिस्ट' में डाल दिया गया था।

इस सूची में शामिल किए जाने के कारण ये लोग देश छोड़कर नहीं जा सकते। सईद पर अमेरिका ने भी एक करोड़ डॉलर (करीब 67 करोड़ रुपये) का ईनाम घोषित कर रखा है। उसे नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकी हमलों के बाद भी नजरबंद किया गया था। लेकिन, 2009 में लाहौर हाई कोर्ट ने उसे आजाद कर दिया था।

यह भी पढ़ें: भारत का दबाव लाया रंग, पाक के रक्षा मंत्री ने माना हाफिज है सबसे बड़ा खतरा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.