फिलहाल शरीफ के लिए चिंता की बात नहीं, SC ने दिया JIT बनाने का आदेश
पनामा पेपर्स लीक मामले में पाक सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा है- नवाज और उनके दो बेटों को संयुक्त जांच टीम के सामने पेश होना होगा।
इस्लामाबाद, प्रेट्र । पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच संयुक्त जांच दल (जेआइटी) से कराने का फैसला किया है। शरीफ और उनके परिवार पर यह आरोप विदेशी कंपनियों में अवैध धन लगा होने की चर्चा के बाद आया था। पनामा पेपर लीक्स में अवैध निवेशकों की सूची में शरीफ परिवार का नाम शामिल है। भ्रष्टाचार के चलते संसद की सदस्यता के अयोग्य घोषित करने वाली याचिका पर फैसले में नवाज शरीफ गुरुवार को बाल-बाल बच गए।
पांच सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट की पीठ के तीन सदस्य आरोपों की जांच कराने के पक्षधर थे जबकि दो न्यायाधीश शरीफ के खिलाफ फैसला देते हुए उन्हें अयोग्य घोषित करने के पक्ष में। बहुमत के आधार पर आए 540 पेज के फैसले में आरोपों की जांच के लिए संयुक्त दल बनाने का फैसला किया गया, जिसके समक्ष शरीफ और उनके बेटों- हसन और हुसैन को पेश होना होगा। इस जांच दल में फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी, नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो, सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन और मिलिटरी इंटेलीजेंस के अधिकारी होंगे।
जेआइटी को हर दो हफ्ते की जांच की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश करनी होगी। इससे साफ है कि सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री के खिलाफ जांच में कोई ढिलाई नहीं चाहता। कोर्ट ने धन को पाकिस्तान से कतर भेजे जाने के तरीके की भी जांच का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया जिसके चलते काले धन के देश से बाहर जाने को पकड़ा नहीं जा सका। पांच सदस्यीय पीठ में जस्टिस आसिफ सईद खोसा, जस्टिस गुलजार अहमद, जस्टिस एजाज अफजल खान, जस्टिस अजमत सईद और जस्टिस एजाजुल एहसान शामिल हैं।
लंदन में खरीदी है जायदाद
सुप्रीम कोर्ट में याचिका पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान व अन्य से दायर की थी। इमरान व अन्य ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री शरीफ ने अवैध कमाई से लंदन में जायदाद खरीदी है। यह खरीद 1990 के दशक में हुई थी जब शरीफ दो बार प्रधानमंत्री रहे थे। इस आधार पर उन्हें संसद की सदस्यता के अयोग्य घोषित किया जाए। नवाज शरीफ के समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की है जिसमें आरोपों की जांच कराने की जरूरत बताई गई है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नवाज शरीफ को फौरी राहत मिलने के बाद मरियम नवाज ने ट्वीट कर खुशी जतायी है जिसमें तस्वीरों के साथ कहा है- ‘मुबारक हो वजीर-ए-आजम।’
Mubarik ! Wazir-e-Azam Nawaz Sharif ..... Alhamdolillahi Rab-al-Aalameen
— Maryam Nawaz Sharif (@MaryamNSharif) April 20, 2017
Celebrations 🎊🎉 pic.twitter.com/CmtquN5KeT— Maryam Nawaz Sharif (@MaryamNSharif) April 20, 2017
पनामा पेपर्स लीक मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से आने वाले इस महत्वपूर्ण फैसले को देखते हुए वहां के आस-पास के इलाके को पुलिस की छावनी में तब्दील कर दिया गया था।
पनामा पेपर्स को पिछले वर्ष इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टीगेटीव जर्नलिस्ट ने छापा था। पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के सदस्य दानयाल अजीज ने बताया, ‘पनामा पेपर्स में प्रधानमंत्री का नाम नहीं था बल्कि उनके संतान के नाम थे और बच्चों व उनके आर्थिक संपत्ति में कोई कनेक्शन नहीं क्योंकि वे अलग अलग टैक्स का भुगतान करते हैं। पिछले वर्ष शरीफ ने संसद को बताया था कि उनके राजनीति में आने से दशकों पहले ही उनके परिवार ने कानूनी तरीके से संपत्ति अर्जित किया है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 23 फरवरी को भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
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