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पहल बनी विश्व की सबसे बड़ी कैश सब्सिडी ट्रांसफर योजना

देश के 10 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं ने बाजार मूल्य पर रसोई गैस खरीदने के लिए बैंक खातों में सीधे सब्सिडी लेने की महत्वाकांक्षी योजना 'पहल' में पंजीयन कराया है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 05 Feb 2015 08:42 PM (IST)Updated: Thu, 05 Feb 2015 09:06 PM (IST)
पहल बनी विश्व की सबसे बड़ी  कैश सब्सिडी ट्रांसफर योजना

नई दिल्ली। देश के 10 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं ने बाजार मूल्य पर रसोई गैस खरीदने के लिए बैंक खातों में सीधे सब्सिडी लेने की महत्वाकांक्षी योजना 'पहल' में पंजीयन कराया है। इसी के साथ 'पहल' दुनिया की सबसे बड़ी सीधी नकदी हस्तांतरण (कैश सब्सिडी ट्रांसफर) स्कीम बन गई है। इससे पहले प्रधानमंत्री जन धन योजना ने 11 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खोलकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहल में पंजीयन कराने वाले उपभोक्ताओं और दो माह से थोड़े ज्यादा समय में यह काम पूरा करने वाले अफसरों को बधाई देते हुए कहा कि इस योजना से कालाबाजारी रुकेगी। सीधे आम आदमी तक सब्सिडी पहुंच पाएगी। मोदी ने पहल के तहत 10 करोड़ नागरिकों के पंजीकरण पर संतोष जताते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में इसकी महती भूमिका होगी।

उन्होंने ट्वीट किया, 'मुझे यह जानकर अपार हर्ष हो रहा है कि पहल योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक नागरिक पंजीकृत हो चुके हैं। यह एक शानदार उपलब्धि है।' मोदी ने एलपीजी की नकद सब्सिडी हस्तांतरण (डीबीटीएल) योजना को प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ (पहल) का नाम दिया था।

इसके तहत रसोई गैस ग्राहकों को सीधे उसके बैंक खाते में सब्सिडी दे दी जाती है। इस योजना का मकसद फर्जी कनेक्शन खत्म करना है। मोदी शुरू से पहल योजना के मुखर समर्थक रहे हैं। वह प्रधानमंत्री जन धन योजना के बाद इसे अर्थव्यवस्था के लिए दूसरी सबसे लाभदायक स्कीम बताते रहे हैं।

पहल को 54 जिलों में फिर से 15 नवंबर, 2014 को शुरू किया गया। इस योजना के दायरे में देश के 676 जिलों के 15.3 करोड़ से अधिक ग्राहकों को लाया जाएगा। यह संख्या कुल एलपीजी उपभोक्ताओं का 65.3 फीसद है।

इन देशों को पीछे छोड़ा

पहल जैसी योजना चीन, मेक्सिको और ब्राजील जैसे देशों में भी चल रही है। वहां लाभार्थिर्यो की अधिकतम संख्या कभी भी 2.2 करोड़ से ज्यादा नहीं रही, जबकि भारत में यह आंकड़ा 10 करोड़ हो गया है।


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