Padma Awards 2020: जानिए कौन हैं 'अब्दुल जब्बार' जिन्हें मरणोपरांत पद्म श्री से किया गया है सम्मानित
Padma Awards 2020 गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म श्री पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया है। इनमें अब्दुल जब्बार लंगर बाबा जगदीश लाल आहूजा समेत कई नाम शामिल हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म पुरस्कार नामों का ऐलान कर दिया गया है। इस बार कई हस्तियों को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए चुना गया है। जिनमें प्रमुख नाम 1984 भोपाल गैस त्रासदी कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार का है जिन्हें मरणोपरांत पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। 14 नवंबर 2019 को उनका निधन हो गया था।
सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार, जिन्होंने 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों और बचे लोगों के लिए न्याय के लिए लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने गैस त्रासदी पीड़ितों के परिजनों और बचे लोगों के लिए मुआवजे की मांग करते हुए कई विरोध प्रदर्शन किए थे। जब्बार भोपाल गैस पीड़िता महिला उद्योग संगठन के संयोजक थे, जिन्होंने सबसे खतरनाक औद्योगिक त्रासदी पीड़ितों और उनके परिजनों को न्याय दिलाने के लिए सहजता से काम किया।
एक लंबी बीमारी के बाद 14 नवंबर 2019 को उनका मध्य प्रदेश की राजधानी के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। अंतिम दिनों में उन्हें 50 फीसदी तक दिखना बंद हो गया था और दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदा भोपाल गैस त्रासदी में फेफड़े से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ा था। उन्होंने 1984 की गैस त्रासदी में जब्बार ने अपने माता-पिता और भाई को भी खो दिया था। वो खुद भी इस त्रासदी से पीड़ित थे। उन्होंने बाकी लोगों को उनका हक दिलाने के लिए अपना दर्द भुला दिया था।
भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन पिछले तीन दशक से भोपाल गैस कांड के पीड़ितो के हक के लिए लड़ रहा है। इस संगठन के लंबे संघर्ष की वजह से ही पीड़ितों को थोड़ी बहुत मदद मिल पाई है।
बता दें कि 2 और 3 दिसंबर 1984 की भयावह रात को हादसा हो गया था जब यूनियन कार्बाइड की फर्टिलाइजर फैक्ट्री से जहरीली गैस का रिसाव हो गया। यह रिसाव इतना ज्यादा था कि पूरे शहर पर बादल की तरह एक शमियाना सा छा गया। आधी रात को लोग सो रहे थे। इस जहरीले गैस की चपेट में आकर कईयों की मौत हो गयी थी और जो बचे उनके फेफड़े कमजोर हो गए थे, आखें खराब हो गईं और भी कई तरह से लोग विकलांग हो गए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें 15000 लोगों की जान गई थी और कई लोग गंभीर बीमारी के शिकार हो गए थे।