नोटबंदी पर थॉमस की टिप्पणी खारिज, पीएम को नहीं बुलाएगी PAC
थॉमस ने इसी हफ्ते बयान दिया था कि नोटबंदी मुद्दे पर पीएसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी तलब कर सकती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । संसद की लोक लेखा समिति नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को नहीं बुलाएगी। समिति ने इस संबंध में बयान जारी कर स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर समिति की बैठक में पीएम को नहीं बुलाया जाएगा। समिति ने यह कदम भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की आपत्ति के बाद उठाया है।समिति की ओर से यह वक्तव्य इसके अध्यक्ष के वी थॉमस के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर पीएसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुला सकती है।
मोदी ने ही 8 नवंबर 2016 को राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने का ऐलान किया था। थॉमस के बयान के बाद पीएसी में भाजपा के सदस्य निशिकांत दुबे, भूपेन्द्र यादव और किरीट सोमैया ने विरोध जताते हुए कहा कि समिति को प्रधानमंत्री को बुलाने की शक्ति नहीं है। उल्लेखनीय है कि दुबे ने इससे पहले लोक सभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर थॉमस के बयान को संसदीय प्रक्रिया के खिलाफ अनैतिक और गलत करार दिया था। माना जा रहा है कि शुक्रवार को भी थॉमस ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उनका आशय सिर्फ इतना था कि समिति में अगर एक राय बने तो प्रधानमंत्री को समन किया जा सकता है।
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शुक्रवार को भाजपा सदस्यों की आपत्ति के बाद समिति ने अपने बयान मंे लोक सभा अध्यक्ष के वित्तीय समितियों और प्रधानमंत्री तथा मंत्रियों को बुलाने संबंधी नियमों से संबंधित निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि लेखा के अनुमानों की परीक्षा के संबंध में मंत्रियों को साक्ष्य देने या परामर्श के लिए नहीं बुलाना चाहिए। हालांकि जब समिति के अध्यक्ष जरूरी समझें तो वे मंत्री के साथ अनौपचारिक विचार विमर्श कर सकते हैं। समिति की ओर से जारी बयान में स्पष्ट कहा गया है कि लेखा और प्राक्कलन के संबंध में अधिकारियों को ही साक्ष्य देने को बुलाया जा सकता है।
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