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कश्मीर पर अन्य पश्चिमी देशों का रुख भी बदलेगा भारत

अमेरिका के रुख के बाद भारत के लिए पश्चिमी देशों के सामने यह बताना आसान होगा कि पाकिस्तान प्रायोजित हिंसा कश्मीर समस्या की सबसे बड़ा वजह है।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 06:45 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 06:45 PM (IST)
कश्मीर पर अन्य पश्चिमी देशों का रुख भी बदलेगा भारत
कश्मीर पर अन्य पश्चिमी देशों का रुख भी बदलेगा भारत

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिका यात्रा के दौरान क्या हासिल किया इस पर आगे अभी कुछ दिनों तक चर्चा होती रहेगी। लेकिन जिस तरह से ट्रंप प्रशासन ने कश्मीर को लेकर अमेरिका के रवैये में भारी बदलाव के संकेत दिए है उससे भारतीय खेमा काफी खुश है। कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के सबसे बड़े साजिशकर्ता हिजबुल पर लगाम लगाने और इसके मुखिया सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करना अमेरिका के रवैये में आये बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण माना जा रहा है। भारत को भरोसा है कि अन्य पश्चिमी देशों के मत में भी अब जल्द बदलाव आएगा।

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अमेरिका के रुख के बाद भारत के लिए पश्चिमी देशों के सामने यह बताना आसान होगा कि पाकिस्तान प्रायोजित हिंसा कश्मीर समस्या की सबसे बड़ा वजह है। साथ ही पाकिस्तान यूरोपीय देशों में कश्मीर हिंसा को मानवाधिकार से जोड़ने की जिस तरह से लगातार कोशिश कर रहा है उसे भी इससे धक्का लगेगा। भारत की कोशिश होगी कि आने वाले दिनों में कुछ अन्य यूरोपीय देश भी सैयद सलाहुद्दीन को आतंकियों की सूची में शामिल करे। भारत को उम्मीद है कि आतंक से त्रस्त देश अमेरिका की घोषणा के बाद ज्यादा सकारात्मक रवैया दिखाएंगे।

आने वाले दिनों में फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, ब्रिटेन जैसे देशों से आग्रह किया जाएगा कि वे सैयद सलाहुद्दीन की किसी भी गतिविधि को परोक्ष या प्रत्यक्ष तौर पर समर्थन नहीं दे। भारत को इस बात की पक्की खबर है कि सलाहुद्दीन को यूरोपीय देशों से काफी सारे फंड मिलते हैं। अब इस फंड पर अंकुश लगाना आसान हो जाएगा।

अमेरिका ने कश्मीर पर अपने रुख में बदलाव का संकेत तब दिया है जब कश्मीर के बारे में उसकी नीतियों को लेकर कयास लगाये जा रहे थे। पिछले दिनों राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक निकट सहयोगी ने कश्मीर में अमेरिका की तरफ से हस्तक्षेप किए जाने की बात थी। इस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दिखाई थी। लेकिन सोमवार को मोदी व ट्रंप के बीच बार्ता के बाद जारी बयान के आधार पर यह मतलब निकाला जा रहा है कि अमेरिका कश्मीर मुद्दे पर भारतीय पक्ष का समर्थन कर रहा है। यानी वहां किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों का जायज ठहराया जा सकता है। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है।

कश्मीर में पिछले साल हिज्बुल के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद जिस तरह से हालात का फायदा उठाने में पाकिस्तान जुटा हुआ था वह भारत के लिए काफी चिंता का विषय था। पिछले कई महीनों से कश्मीर की हालात काफी चिंताजनक बनी हुई है। भारत सरकार व राज्य प्रशासन हालात को नियंत्रित करने के लिए चौतरफा रणनीति में लगे हुए हैं। बुरहान वानी को शहीद बता कर पाकिस्तान सरकार कश्मीर में आग भड़काने में जुटी हुई है। बुरहान बानी की मौत पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में भी उठा चुका है। आगे अब वह ऐसा करेगा तो स्वयं सवालों के घेरे में आएगा।

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