भाजपा के खिलाफ होगी तगड़ी लामबंदी
झारखंड में अब तक लगाए जा रहे कयासों से इतर यदि भाजपा-आजसू का आंकड़ा बहुमत के करीब नहीं पहुंचा तो विरोधी दल सरकार बनाने का खेल बिगाड़ सकते हैं। अंतिम चरण का मतदान संपन्न होने के बाद भितरखाने ही इस बाबत खिचड़ी भी पकने लगी है। एक्जिट पोल की मानें
रांची [प्रदीप सिंह]। झारखंड में अब तक लगाए जा रहे कयासों से इतर यदि भाजपा-आजसू का आंकड़ा बहुमत के करीब नहीं पहुंचा तो विरोधी दल सरकार बनाने का खेल बिगाड़ सकते हैं। अंतिम चरण का मतदान संपन्न होने के बाद भितरखाने ही इस बाबत खिचड़ी भी पकने लगी है। एक्जिट पोल की मानें तो झामुमो भाजपा के बाद सबसे बड़े दल के रूप में उभर रहा है और पार्टी के स्तर से इसकी कवायद तेज हो गई है। ऐसे में भाजपा के खिलाफ अन्य दलों में तगड़ी लामबंदी होने के आसार हैं।
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने फिलहाल किसी भी दल से औपचारिक बातचीत से इन्कार किया है, लेकिन इतना अवश्य कहा कि बुनियादी सवालों पर हमारी एकजुटता सही वक्त पर सामने आ सकती है। कांग्रेस भी जोड़-घटाव की गणित बिठाने में लगा है। पार्टी के रणनीतिकार इस फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं कि भाजपा के विरोधी दलों को एक साथ कर सरकार बनाने की गुंजाइश तलाशी जाए। नजर झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी पर भी है।
अगर झाविमो ने अपेक्षा के अनुरूप सीटें झटकी तो बाबूलाल की मंशा सफल हो सकती है, लेकिन झाविमो अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहा। झामुमो ने भी बाबूलाल तक यह संदेश पहुंचाया है कि भाजपा को रोकने के लिए वह कुर्बानी देने को भी तैयार है।
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