ट्रांसप्लांट के लिए अब ड्रोन की मदद से भेजे जाएंगे ऑर्गन्स
अगर योजना कामयाब हुई तो जल्द ही ऑर्गन्स को ट्रांसप्लांट के लिए ड्रोन के जरिए भेजा जाएगा। फिलहाल इस योजना पर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं।
बेंगलुरु। मरीजों में शरीर के अंगों को ट्रांसप्लांट के लिए जल्द ही अब ड्रोन का सहारा लिया जाएगा। शरीर के अंग का ट्रांसप्लांट करवाने वाले मरीज के लिए एक-एक पल कीमती होता है। कई बार ट्रांसप्लांट किया जाने वाला ऑर्गन मरीज तक समय पर नहीं पहुंच पाता जिससे उसे काफी तकलीफ होती है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इस समस्या को दूर करने के लिए वैज्ञानिक एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं। जिससे दिल और दूसरे महत्वपूर्ण अंगों का ट्रांस्पोर्टेशन आसानी से हो सके। अगर प्लान के मुताबिक सब कुछ सही होता है तो बेंगलुरु देश का ऐसा पहला शहर बन जाएगा जहां ऑर्गन्स के ट्रांस्पोर्टेशन के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा।
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फाइटर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट(एलसीए) के जनक हरिनारायण कोटा के ने कहा कि ‘हमारा फोकस दिल के ट्रास्पोर्टेशन पर है। क्योंकि शरीर के दूसरे अंग लंबे समय तक संरक्षित किए जा सकते हैं।‘ योजना के सफल होने के बाद ऑर्गन के ट्रांस्पोर्टेशन के समय में 50 फीसद से ज्यादा की कमी आएगी और ज्यादा लोगों की जिंदगी बचेगी।
एक किडनी को 24 घंटे और लिवर को 12 से 15 घंटे तक सुरक्षित रखा जा सकता है। लेकिन दिल को सिर्फ 10 घंटे तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है। अभी तक ऑर्गन को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सड़क के जरिए ही मरीज के पास भेजा जाता है।
कोटा हरिनारायण नेशनल डिजाइन और रिसर्च फोरम(एनडीआरएफ) के वैज्ञानिक के रामाचंद्रा अमेरिका के कुछ लोगों के साथ 100 करोड़ रुपये के नेशनल प्रोग्राम फॉर व्हिकल पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ‘डॉक्टरों और इंजीनियरों की तरफ से विवरण मिलते ही इस हफ्ते प्रोजेक्ट का पहला चरण पूरा हो जाएगा। जिसके बाद हम फंडिंग और क्लियरेंस के लिए सरकार के पास जाएंगे।‘
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