जीएसटी पर संसद की विशेष बैठक का बहिष्कार कर सकता है विपक्ष
जीएसटी को लेकर सोनिया, मनमोहन और चिदंबरम विपक्षी दलों के नेताओं से मंत्रणा कर रहे हैं।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। विपक्षी दल जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू करने के कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए सरकार की ओर से 30 जून की रात को बुलाई गई संसद की विशेष बैठक का बहिष्कार करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व तमाम विपक्षी दलों के साथ जीएसटी लागू करने की कथित आधी-अधूरी तैयारियों को देखते हुए सरकार के आयोजन में शरीक होने के पक्ष में नहीं है।
विपक्षी खेमे के सूत्रों के अनुसार अगले एक-दो दिन में जीएसटी पर संसद की विशेष बैठक में शामिल होने या न होने पर कांग्रेस औपचारिक रूप से तस्वीर साफ कर देगी। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों का मानना है कि जीएसटी लागू करने को लेकर व्यापार और उद्योग जगत ही नहीं छोटे-मझोले करोड़ों व्यवसायियों की कई समस्याएं व गहरी चिंताएं हैं। देश में टैक्स के नए युग का आगाज करने को लेकर इनकी चिंताएं वाजिब हैं। विपक्षी दलों का मानना है कि इसकी चुनौतियों को देखते हुए इस बात की गहरी आशंका है कि शुरुआती महीनों में जीएसटी को लेकर देश के कारोबार और व्यापार जगत में अफरा-तफरी का माहौल रखेगा।
विपक्ष इस आशंका को देखते हुए ही सरकार के आयोजन से अपनी दूरी बनाए रखना चाहता है, ताकि जीएसटी लागू होने के बाद इसमें आने वाली संभावित खामियों को लेकर सरकार पर बरसने का मौका रहे। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम जीएसटी पर संसद की विशेष बैठक में शामिल नहीं होने के मुद्दे पर अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से गंभीर मंत्रणा कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, माकपा नेता सीताराम येचुरी, राजद प्रमुख लालू प्रसाद, द्रमुक नेता स्टालिन आदि से इस बारे में कांग्रेस के रणनीतिकारों की चर्चा जारी है।
जीएसटी पर संसद के केंद्रीय कक्ष में बुलाई गई विशेष बैठक में कांग्रेस समेत विपक्ष के हिस्सा नहीं लेने के सवाल पर हालांकि पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ना तो इन्कार किया और ना पुष्टि की। लेकिन सुरजेवाला ने बैठक में शरीक होने पर विपक्षी दलों से मंत्रणा जारी रहने की बात कह साफ संकेत दिया कि कांग्रेस बहिष्कार के विकल्प पर गंभीर है। सरकार ने जीएसटी पर संसद की इस विशेष बैठक में मंच पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत मौजूद रहने वाले विशिष्ट मेहमानों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी शामिल कर रखा है।
जीएसटी की बुनियादी रूपरेखा संप्रग सरकार में ही तय होने और उसमें मनमोहन के योगदान को देखते हुए सरकार ने यह फैसला किया है। कांग्रेस यदि विशेष सत्र के बहिष्कार का फैसला करती है तो फिर मनमोहन भी बैठक में शरीक नहीं होंगे।
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