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साइबर ठगी में दिल्ली पुलिस का निलंबित सिपाही गिरफ्तार

ओएनजीसी अधिकारी की पत्नी के साथ हुई सवा करोड़ रुपये की ठगी के मामले में एसटीएफ को एक ओर सफलता मिली है। पूर्व में पकड़े गए नाइजीरिया मूल के आरोपी के एक साथी दिल्ली पुलिस के निलंबित कांस्टेबल को एसटीएफ ने नोएडा उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने

By Sudhir JhaEdited By: Published: Wed, 04 Feb 2015 03:24 PM (IST)Updated: Wed, 04 Feb 2015 08:28 PM (IST)
साइबर ठगी में दिल्ली पुलिस का निलंबित सिपाही गिरफ्तार

संवाद सहयोगी, देहरादून। ओएनजीसी अधिकारी की पत्नी के साथ हुई सवा करोड़ रुपये की ठगी के मामले में एसटीएफ को एक ओर सफलता मिली है। पूर्व में पकड़े गए नाइजीरिया मूल के आरोपी के एक साथी दिल्ली पुलिस के निलंबित कांस्टेबल को एसटीएफ ने नोएडा उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने फर्जी बैंक खाता खोला था। जिसमें कई बार मोटी रकम जमा कराई गई थी। कांस्टेबल गत वर्ष लाखों की साइबर ठगी के आरोप में गोवा पुलिस के हाथों भी गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में उसने कई ओर लोगों के नाम भी बताए हैं। जिनकी एसटीएफ तलाश में जुट गई है।

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गौरतलब है कि 29 जुलाई 2014 को ओएनजीसी के अधिकारी की पत्नी बीना बोर ठाकुर ने कैंट थाना में अपने साथ हुई करोड़ों की ठगी का मामला दर्ज कराया था। महिला के साथ एक व्यक्ति खुद को लंदन का व्यवसायी बताते हुए उससे फेसबुक पर दोस्ती गांठी और भारत में निवेश की बात कही। इसके अलावा उसने भारत में एक वृद्धाश्रम खोलने का भी झांसा महिला को दिया। महिला ने झांसे में आकर उसके बताए विभिन्न खातों में एक करोड़ 26 लाख रुपये जमा कर दिए।

इस मामले की जांच अक्टूबर माह में एसटीएफ को सौंप दी गई। एसटीएफ ने 27 नवंबर 2014 में ठगी के मुख्य आरोपी नाइजीरिया मूल के 'कैशमियर सी माडूनाटम नामक युवक को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो उसने अहम जानकारियां दी। जांच में पता चला था कि इस धोखाधड़ी में देश के कुल 48 बैंक खातों में रकम जमा कराई गई थी। इन्हीं खातों की जांच करते हुए एसटीएफ को नोएडा की स्टेट बैंक की शाखा में खुले एक खाते की जानकारी मिली।

यह खाता किसी 'कुमार ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर खोला गया था और इसे संचालित करने वाला दिल्ली पुलिस का कांस्टेबल नीरज कुमार आनंद पुत्र मदन मोहन आनंद निवासी 55/1, गली नंबर चार आर्य नगर दिल्ली निकला। जिसे एसटीएफ की टीम ने मंगलवार को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि नीरज को अक्टूबर 2014 में गोवा पुलिस ने 17 लाख रुपये की साइबर ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके बाद से नीरज निलंबित चल रहा है।

कमीशन काटकर देखा था नाइजीरियन को पैसे

बता दें कि इस तरह के फ्राड को भारत में नाइजीरियन फ्राड का नाम दिया गया है। यह संगठित अपराध की श्रेणी में आता है। इसका सरगना नाइजीरिया का होता है जो कुछ भारतीयों को साथ लेकर देश के विभिन्न बैंकों में खाते खोलते हैं। इसी तरह से नीरज ने भी फर्जी खाता खोला और उसमें जमा की गई रकम में से अपना कमीशन काटने के बाद नाइजीरियन को दे देता था। नीरज ने बताया कि यह काम उसने मोटे लालच में आकर किया।
'नीरज ने पूछताछ में अपने कई साथियों के नाम बताए हैं। जिनकी तलाश में एसटीएफ की एक टीम दिल्ली और आसपास के इलाकों में छापेमारी कर रही है। इसके अलावा नीरज को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थना-पत्र दिया जाएगा।

-डॉ. सदानंद दाते, एसएसपी एसटीएफ

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