पीजी की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन पाठशाला तैयार
देश भर के सभी विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे अपने छात्रों को क्लास रूम पढ़ाई के साथ ही यह सुविधा भी उपलब्ध करवाएं।
मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली। स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई करने वाले देश भर के छात्रों को अब बेहतरीन विशेषज्ञों की क्लास घर बैठे किसी भी समय उपलब्ध हो गई है। केंद्र सरकार की ओर से खास तौर पर पीजी के छात्रों के लिए शुरू की गई 'ई-पीजी पाठशाला' में अब 57 विषयों के दस हजार से ज्यादा मॉड्यूल शुरू कर दिए गए हैं। साथ ही अब देश भर के सभी विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे अपने छात्रों को क्लास रूम पढ़ाई के साथ ही यह सुविधा भी उपलब्ध करवाएं।
विश्व विद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उपयुक्त संख्या में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के तैयार हो जाने के बाद अब सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे इन पाठ्यक्रमों को छात्रों तक पहुंचाने में पूरी मदद करें ताकि अधिक से अधिक छात्र इनका फायदा उठा सकें। यूजीसी सचिव जसपाल एस संधु की ओर से जारी निर्देश में इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों को ई-पीजी पाठशाला की वेबसाइट का लिंक अपने होमपेज पर देने को भी कहा है। ये पाठ मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने 'सूचना तकनीकी के जरिए शिक्षा के राष्ट्रीय मिशन' के तहत यूजीसी से ही तैयार करवाए हैं।
अब तक सबसे ज्यादा 608 मॉड्यूल मनोविज्ञान में तैयार किए गए हैं, जबकि समाजशास्त्र में 569, मंचीय कला में 561, संस्कृत में 535, गणित में 522, रसायन विज्ञान में 487 और अर्थशास्त्र में 485 इकाइयां तैयार की जा चुकी हैं। इन सभी विषयों को 'कला, मानविकी और भाषा', 'इंजीनियरिंग और तकनीकी', 'जीवन विज्ञान', 'चिकित्सा और स्वास्थ्य विज्ञान', 'भौतिकी और मौलिक विज्ञान' तथा 'समाज विज्ञान' जैसी छह श्रेणियों में बांटा गया है। इस परियोजना से जुड़े अधिकारी कहते हैं कि इसके जरिए अधिक से अधिक छात्रों को उच्चतम गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध करवाने की तैयारी की गई है। इसका उपयोग पूरी तरह मुफ्त है। इसे खास तौर पर पीजी के मुख्य पाठ्यक्रम पर ही आधारित रखा गय है ताकि छात्र इसके जरिए अपने पाठ्यक्रम की बेहतर समझ बना सकें। साथ ही छात्र खुद ही अपने अध्ययन का स्तर जान सकें, इसके लिए सेल्फ एसेसमेंट की व्यवस्था भी की गई है।
पिछले साल से ही चल रही इस योजना में अब तक पाठ्य सामग्री की कम उपलब्धता की वजह से छात्रों की ज्यादा दिलचस्पी नहीं बन सकी थी। पिछले साल जनवरी में 195 लोगों ने इस पर रजिस्टर्ड किया, उसके बाद से मौजूदा महीने तक किसी भी महीने में इसने 240 के आंकड़े को पार नहीं किया है। दिल्ली के अलावा जिन राज्यों में सबसे ज्यादा लोगों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है उनमें महाराष्ट्र और कर्नाटक सबसे आगे हैं। एचआरडी मंत्रालय इसके साथ ही स्वयम (स्टडी वेब ऑफ एक्टिव लर्निग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड) के जरिए भी ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध करवा रहा है। यहां भी यूजीसी ने विश्वविद्यालय स्तरीय 43 मूक्स (व्यापक मुक्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम) विकसित किए हैं।
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