मुजफ्फरनगर में सचिन व गौरव की बरसी संपन्न
मुजफ्फरनगर के कवाल के मलिकपुरा में सचिन-गौरव की पहली बरसी पर आज आयोजित शांति पाठ व हवन संगीनों के साये में संपन्न हुआ। शांति पाठ में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। मलिकपुरा कवाल का ही मजरा है और मुख्य सड़क से यहां आने का एक रास्ता कवाल के बीच से आता है तो दूसरा कवाल के बाहर से निकाला गया है। दूसरे रा
लखनऊ। मुजफ्फरनगर के कवाल के मलिकपुरा में सचिन-गौरव की पहली बरसी पर आज आयोजित शांति पाठ व हवन संगीनों के साये में संपन्न हुआ। शांति पाठ में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
मलिकपुरा कवाल का ही मजरा है और मुख्य सड़क से यहां आने का एक रास्ता कवाल के बीच से आता है तो दूसरा कवाल के बाहर से निकाला गया है। दूसरे रास्ते को दंगे के बाद सरकार ने मलिकपुरा की बेटियों को स्कूल आने-जाने के नाम पर बनवाया है। शांतिपाठ में आने वाले लोगों की बंद गाडिय़ों को कवाल के अंदर से जाने दिया गया, जबकि सुरक्षा की दृष्टि से ट्रैक्टर-ट्राली, बाइक व अन्य खुले वाहनों को कवाल के बाहर वाले रास्ते से निकाला गया। कवाल के अंदर के रास्ते से जाने के लिए कुछ वाहनों की सवारियों से पुलिस की झड़प भी हुई, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे उनकी एक न चली।
ंकवाल में मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र की ज्यादातर दुकानें बंद रहीं, जबकि हिंदू वाले इलाकों की दुकानें खुली रहीं। सचिन की पत्नी स्वाति ने भी शांति पाठ में शामिल होने की बात कही थी, लेकिन मायके पूर्व बालियान से मलिकपुरा नहीं आईं। उन्होंने अपने तीन वर्ष के बेटे गगन को मलिकपुरा भेजा। शांति पाठ व हवन में केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान, थाना भवन से भाजपा विधायक सुरेश राणा, भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत, पूर्व मंत्री सुधीर बालियान, पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह, जिला सहकारी बैंक की पूर्व चेयरमैन वंदना वर्मा व जानसठ के ब्लाक प्रमुख रविकिरण आदि समेत हजारों लोग शामिल हुए।
इधर, जानसठ-मुजफ्फरनगर मार्ग पर वाहनों की आवाजाही अन्य दिनों की अपेक्षा कम रही। सुबह सड़कें काफी हद तक खाली रहीं। सुरक्षा की दृष्टि से कवाल और मलिकपुरा के आसपास के क्षेत्रों में आरएएफ व पीएसी की आठ बटालियन, 55 से अधिक मजिस्ट्रेट और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे। कवाल और मलिकपुरा के आसपास जगह-जगह बेरीकेडिंग की गई है। हिंदू-मुस्लिम संप्रदाय के लोग भी सुरक्षा में प्रशासन की मदद कर रहे थे। मुस्लिम संप्रदाय भी करीब ढाई बजे शाहनवाज की कब्र पर फातिहा पढ़ने की तैयारी में है।
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