एक और ऑनलाइन क्लिक कंपनी ने 200 करोड़ रुपये ठगे
3700 करोड की ठगी करने के बाद एक और ऐसा ही धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है।
ललित विजय, नोएडा। एक और कंपनी ने ऑनलाइन क्लिक के नाम पर ठगी का जाल बुना। एड्सवर्क डॉट इन कंपनी ने महज एक माह में करीब दस हजार लोगों से 200 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। इसका पता 3700 सौ करोड़ की ठगी का मामला सामने आने के बाद चला।
निवेशकों से रिफंड फार्म लेकर 16 फरवरी को संचालकों ने कंपनी बंद कर दी। निवेशकों की रिपोर्ट कोतवाली सेक्टर 20 पुलिस दर्ज नहीं की तो वे सूरजपुर स्थित एसएसपी व एसपी सिटी कार्यालय पहंुचे। अधिकारियों के न मिलने पर प्रभारी एसएसपी सुजाता सिंह से शिकायत की।
यह भी पढ़ें: सोशल ट्रेड के नाम पर ठगी, कंपनी के खिलाफ निवेशकों ने की शिकायत
16 जनवरी को शुरू हुई कंपनी
एड्सवर्क डॉट कंपनी बीते 16 जनवरी को शुरू हुई। कंपनी ने छह प्लान लांच किए। इनसे जुड़ने के लिए संचालकों ने बल्क एसएमएस किए, जिस पर मोबाइल नंबर दिया गया था। मोबाइल नंबर के आधार पर कंपनी से निवेशक जुड़े। मोटा मुनाफा देने का झांसा देकर सेक्टर-18 स्थित आइसीआइसीआइ बैंक में रुपये जमा कराए गए। फिर लोगों को आइडी और पासवर्ड देकर फर्जी विज्ञापन पर क्लिक कराया गया।
एक विज्ञापन पर क्लिक के निवेशकों को 9 रुपये दिए जा रहे थे। निवेशकों के खातों में प्रतिदिन मुनाफे की रकम भी आ रही थी। इससे निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी। महज एक माह में निवेशकों की संख्या 10 हजार हो गई। एसटीएफ ने लाखों लोगों से ऑनलाइन क्लिक के नाम पर 3700 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश करते हुए 2 फरवरी को अनुभव मित्तल व उसके सहयोगियों को गिरफ्तार किया। 2 फरवरी से ही एड्सवर्क डॉट इन ने निवेशकों को पैसा देना बंद कर दिया।
यह भी पढ़ें: ईडी के साथ अनुभव मित्तल आज लखनऊ कोर्ट में पेश
10 फरवरी को बना ली नई कंपनी
इसी बीच 10 फरवरी को एड्सवर्क डॉट इन कंपनी को बंद कर दिया गया। संचालकों ने ऑस्कर्ट डॉट कॉम नाम से नई कंपनी बना ली। अब निवेशकों को इस कंपनी की आइडी और पासवर्ड दिया गया। लोगों ने विज्ञापन क्लिक भी किया, लेकिन पैसा नहीं मिला। बल्कि पैसे वापस देने का झांसा देकर निवेशकों से रिफंड फार्म भरवा लिए गए। 17 फरवरी तक लोगों को पैसे रिफंड करने का आश्वासन दिया गया। इसी बीच 16 फरवरी शाम 5 बजे से कंपनी बंद हो गई। अब वेबसाइट भी बंद है।
दो निवेशक जोड़ने पर दोगुने मुनाफे का वादा
कंपनी प्लान के तहत निवेशक को 15 दिन में दो और निवेशक कंपनी से जोड़ना होता था। दो निवेशक जुड़ते ही मुनाफे की रकम दोगुनी हो जाती थी।
यह भी पढ़ें: 500 करोड़ के ऑनलाइन घोटाले में फंसे कंपनी मालिक, STF करेगी जांच