नर्सिंग ऑफिसर राजबीर कौर की मौत मामले में AIIMS का डॉक्टर बर्खास्त
गाइनी डिपार्टमेंट के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को भी नोटिस जारी किया जाएगा। एनेस्थेसिया डिपार्टमेंट के जूनियर डॉक्टर को चेतावनी भी दी जाएगी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की नर्सिंग ऑफिसर राजबीर कौर की मौत मामले में एक डॉक्टर को बर्खास्त किया गया है, जबकि तीन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। एम्स प्रशासन राजबीर कौर के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा और एक परिजन को नौकरी देगा।
एम्स द्वारा गठित जांच कमेटी ने राजबीर का इलाज कर रहे कई डॉक्टरों के कार्य करने के तरीके पर नाराजगी जाहिर की है। इनमें से एक डॉक्टर को बर्खास्तगी और कई डॉक्टरों को नोटिस व चेतावनी जारी करने का फैसला लिया है।
यह भी पढ़ेंः डॉक्टरों का निलंबन वापस लेने के विरोध में नर्सों का प्रदर्शन
एम्स के उपनिदेशक वी.श्रीनिवासन के मुताबिक जांच कमेटी ने इस मामले में निदेशक स्तर पर दो बार बैठक के बाद मामले की गहन जांच की और फिर कार्रवाई का फैसला लिया है। एनेस्थेसिया डिपार्टमेंट के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को बर्खास्त किया जाएगा। उस दिन डॉक्टर अपनी ड्यूटी से अनुपस्थित था।
इसके अलावा गाइनी डिपार्टमेंट के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को भी नोटिस जारी किया जाएगा। एनेस्थेसिया डिपार्टमेंट के जूनियर डॉक्टर को चेतावनी भी दी जाएगी। इमरजेंसी की सूचना देने के बावजूद नहीं पहुंचने के कारण ऑबस्टेटिक्स और गाइनोलॉजी डिपार्टमेंट के फैकल्टी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
एम्स प्रशासन ने एक वरिष्ठ रेजिडेंट गायनाकोलॉजी को भी नोटिस जारी किया है। इसके अलावा एनेस्थेसिया के विभागाध्यक्ष यह सुनिश्चित करेंगे कि ऑपरेशन थिएटर, इमरजेंसी, रेडियोलॉजी सहित विभिन्न विभागों में एनेस्थेसियोलॉजी उपस्थित हों। एक समिति भी हॉस्पिटल मैनेजमेंट बोर्ड के चेयरमैन के निर्देशन में गठित कर दी गई है जो ईएसएस कर्मचारियों के हितों के लिए सुविधाओं का निरीक्षण करेगी।
उल्लेखनीय है कि राजबीर कौर को 16 जनवरी को एम्स में भर्ती किया गया, लेकिन उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई। इलाज के दौरान शिशु की मौत हो गई और 4 फरवरी को राजबीर कौर की भी मौत हो गई।
इस मामले में राजबीर कौर के परिजनों और नर्सिंग एसोसिएशन ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था, मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए नसिर्ंग एसोसिएशन 15 दिन पहले हड़ताल पर चली गई थी। तत्पश्चात एम्स प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया और अंतत: मंगलवार को एम्स प्रशासन ने इस बाबत अपनी रिपोर्ट जारी की।