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आस्था के पथ पर भक्तों की कड़ी परीक्षा

भूस्खलन से रास्ते बंद होने व बारिश के रूप में मौसम की बाधा के बावजूद चारधाम यात्रा को जाने वाले श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। यात्रा पथ पर कठिन दुश्वारियां भी भक्तों के उत्साह के आगे हार रही हैं।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Sun, 03 May 2015 10:19 AM (IST)Updated: Sun, 03 May 2015 02:55 PM (IST)
आस्था के पथ पर भक्तों की कड़ी परीक्षा

देहरादून। भूस्खलन से रास्ते बंद होने व बारिश के रूप में मौसम की बाधा के बावजूद चारधाम यात्रा को जाने वाले श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। यात्रा पथ पर कठिन दुश्वारियां भी भक्तों के उत्साह के आगे हार रही हैं।

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यही कारण है कि अभी तक गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ व केदारनाथ में अब तक 50 हजार ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। शनिवार को गढ़वाल में मौसम साफ रहा और चारधाम यात्रा सुचारू रूप से चलती रही। अभी भी जोशीमठ से आगे हाथी पहाड़ के मलबे से अवरुद्ध बदरीनाथ हाईवे सुचारु नहीं किया जा सका। ऐसे में भक्तों को दर तक पहुंचने करीब दो किलोमीटर के पगडंडी वाले रास्ते से होकर गुजरना पड़ रहा है।

गंगोत्री व यमुनोत्री

गंगोत्री व यमुनोत्री यात्रा बीती 21 अप्रैल को इन धामों के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हुई। इन दोनों धामों में रास्तों में फिलहाल कोई बड़ा अवरोध खड़ा नहीं हुआ। 28 अप्रैल को गंगोत्री हाईवे गंगोत्री से करीब 45 किलोमीटर पहले डबरानी के पास दो घंटे के लिए अवरुद्ध हुआ था। फिलहाल इन दोनों धामों में शनिवार तक करीब 17000 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

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केदरानाथ

24 अप्रैल को केरादनाथ मंदिर के कपाट खुले। इसी दिन से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा के पथ पर तीन दिन तक मौसम का कुछ खलल रहा। यात्रा शुरू होने के दिन से 26 अप्रैल तक भक्तों को करीब दो किलोमीटर अतिरिक्त पैदल चलना पड़ रहा था। गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए करीब 16 किलोमीटर का पैदल रास्ता है।

शुरू के तीन दिन गौरीकुंड से पहले रास्ता अवरुद्ध होने पर भक्तों को दो किमी अतिरिक्त चलकर कुल 18 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा। अब स्थितियां कुछ अनुकूल हैं और कोई बाधा नहीं है। ऐसे में अब तक कुल 12 हजार श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचकर भोले बाबा के दर्शन कर चुके हैं।

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बदरीनाथ

बदरानाथ मंदिर के कपाट 26 अप्रैल को खुले। दो दिन यात्रा में कोई व्यवधान नहीं आया। इसके बाद 28 अप्रैल को जोशीमठ से करीब दस किलोमीटर आगे हाथी पहाड़ का कुछ हिस्सा टूटकर मलबे के रूप में हाईवे पर गिरने लगा। इससे हाईवे पूरी तरह से अवरुद्ध है। सड़क खोलने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के श्रमिक जुटे हुए हैं।

हाईवे बंद होने पर दो दिन तक बदरीनाथ के साथ ही यात्रा पड़ाव जोशीमठ, पांडुकेश्वर, गोविंदघाट आदि स्थानों पर बदरीनाथ जाने व वापस लौटने वाले करीब 3500 श्रद्धालु फंसे रहे। बाद में कुछ श्रद्धालु पैदल ही आगे निकल गए और कुछ को हेलीकाप्टर के जरिये जोशीमठ लाया गया।

फिलहाल यात्री जोशीमठ से आगे मारवाड़ी से विष्णुप्रयाग तक पैदल ही दो किलोमीटर का रास्ता नाप रहे हैं। वहीं कई सीधे हेलीकाप्टर से भी जा रहे हैं। अब प्रदेश सरकार की ओर से जोशीमठ से बदरीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को सुलभ दर पर हेलीकाप्टर सेवा भी उपलब्ध कराई गई है। इसके तहत महिला, बच्चे व बुजुर्गों से जोशीमठ से बदरीनाथ तक का पांच सौ रुपये व सामान्य पुरुष का सात सौ रुपये किराया तय किया गया है। अब तक बदरीनाथ में करीब 21556 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।

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