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ओमवती की अपनी दिक्कत है तो आरबीआइ भी है मजबूर

ये नोट उनके स्वर्गवासी पति रत्न लाल के हैं जो उनकी वर्षो की बचत का नतीजा था। रत्न लाल 03 जनवरी, 2017 को स्वर्ग सिधार गये।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 29 Mar 2017 08:46 PM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2017 10:46 PM (IST)
ओमवती की अपनी दिक्कत है तो आरबीआइ भी है मजबूर
ओमवती की अपनी दिक्कत है तो आरबीआइ भी है मजबूर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 70 वर्षीय ओमवती पहली बार रिजर्व बैंक के दरवाजे पर दस्तक दे रही हैं। उनके हाथ में एक पत्र है और थैले में एक लाख रुपये के 500 व 1000 रुपये के पुराने नोट। ये नोट उनके स्वर्गवासी पति रत्न लाल के हैं जो उनकी वर्षो की बचत का नतीजा था। रत्न लाल 03 जनवरी, 2017 को स्वर्ग सिधार गये। गले की बीमारी की वजह से वह कुछ बोल नहीं पाते थे। लिहाजा किसी को नोट के बारे में पता नहीं चला।

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आरबीआइ के अधिकारियों ने बुधवार को ओमवती को साफ तौर पर बता दिया कि उनके पुराने नोट के बदले नए नोट मिलना मुश्किल है क्योंकि सामान्य भारतीय नागरिकों के लिए नोट बदलने की प्रक्रिया बंद हो चुकी है।आरबीआइ कार्यालय पर पिछले चार-पांच दिनों से पुराने नोट बदलवाने के इच्छुक लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। 08 नवंबर, 2016 को नोटबंदी लागू होने के बाद जो भारतीय विदेश गये हैं उन्हें नोट बदलने की सुविधा अभी आरबीआइ दे रही है लेकिन इसकी अवधि भी दो दिन बाद 31 मार्च को समाप्त हो रही है। लेकिन भीड़ लगाने वालों में ओमवती जैसे आम भारतीय हैं जिन्हें मौजूदा नियमों के बारे में कुछ पता नहीं। सभी को यह उम्मीद है कि उन्हें भी प्रवासी भारतीयों और विदेश गये लोगों की तरफ पुराने नोट बदलने की छूट मिलेगी। कईयों को निराश लौटना पड़ता है।

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उधर, आरबीआइ के विशाल दरवाजे के पीछे केंद्रीय बैंक के तमाम अधिकारियों के लिए हालात संभालना मुश्किल हो रहा है। ओमवती की दिक्कत अधिकारी समझ रहे हैं लेकिन वह अपनी मजबूरी भी बता रहे हैं। मजबूरी यह है कि पिछले पांच महीनों से पूरा अमला नोटबंदी से जूझने में ही लगा हुआ है। तमाम कोशिशों के बावजूद नोटों की आपूर्ति की स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हुई है। बैंकों से आने वाले पुराने नोटों का प्रबंधन (नोटों को छांटना व उनका निस्तारण करना) अभी चल ही रहा है। नोटबंदी के बाद कितने प्रतिबंधित नोट वापस आये, यह बताने का दवाब भी केंद्रीय बैंक पर बढ़ता जा रहा है।

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ऐसे में आरबीआइ की मंशा नहीं है कि आम भारतीयों को पुराने नोट बदलने का एक और मौका दिया जाए। हां, अगर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्देश आ जाए तो स्थिति बदल सकती है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का भी कहना है कि मामला कोर्ट में है। मौजूदा नियमों के मुताबिक 31 मार्च के बाद 30 जून तक पुराने नोटों को बदलने की सुविधा सिर्फ प्रवासी भारतीयों के लिए होगी।


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