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ओमिक्रोन के घातक होने के आसार कम, टीकाकरण और डेल्टा वैरिएंट के व्यापक प्रसार से ज्यादातर में बन चुकी है एंटीबाडी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि देश में ओमिक्रोन के घातक होने के आसार कम हैं क्योंकि टीकाकरण की तेज गति और डेल्टा वैरिएंट के व्यापक प्रसार के चलते ज्यादातर लोगों में उच्च सीरोपाजिटिविटी पाई गई है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 01:45 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 06:47 AM (IST)
ओमिक्रोन के घातक होने के आसार कम, टीकाकरण और डेल्टा वैरिएंट के व्यापक प्रसार से ज्यादातर में बन चुकी है एंटीबाडी
टीकाकरण की तेज गति और डेल्टा वैरिएंट के व्यापक प्रसार के चलते ज्यादातर लोगों में उच्च सीरोपाजिटिविटी पाई गई है...

नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर दुनिया भर में फैली दहशत के बीच शुक्रवार को सरकार की तरफ से कुछ राहत देने वाली खबर आई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में ओमिक्रोन के घातक होने के आसार कम हैं क्योंकि टीकाकरण की तेज गति और डेल्टा वैरिएंट के व्यापक प्रसार के चलते ज्यादातर लोगों में उच्च सीरोपाजिटिविटी पाई गई है यानी उनमें कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबाडी बन चुकी है। वहीं केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि बूस्टर डोज और बच्चों के टीकाकरण पर फैसला वैज्ञानिक सलाह के आधार पर किया जाएगा।

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अभी तक ज्‍यादा जानकारी नहीं

हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि ओमिक्रोन के संभावित गंभीरता को लेकर अभी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं। इसके भी अभी कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं जिससे यह पता चलता हो कि मौजूदा वैक्सीन इस वैरिएंट के खिलाफ काम नहीं करेंगी। परंतु, इस वैरिएंट में कुछ ऐसे बदलाव की बात सामने आ रही है जो वैक्सीन के प्रभाव को कम कर सकती है।

16,000 यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में कोरोना महामारी पर 11 घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि सरकार देश में ओमिक्रोन के प्रसार को रोकने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। ओमिक्रोन प्रभावित देशों से अब तक आए 16,000 यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच कराई गई है जिनमें 18 लोग संक्रमित पाए गए हैं। ओमिक्रोन का पता लगाने के लिए इनके नमूने को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है। हालांकि, मंत्री के बयान के बाद कुछ और संदिग्ध मामले पाए गए हैं।

राजस्थान में ओमिक्रोन के चार संदिग्ध मामले मिले

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में ओमिक्रोन के दो मामलों की पुष्टि हुई है, जो कर्नाटक में मिले थे, लेकिन संदिग्धों की संख्या बढ़ रही है। दक्षिण अफ्रीका से एक हफ्ते पहले जयपुर लौटे एक दंपती और उनके दो बच्चों को संक्रमित पाया गया है। इनके ओमिक्रोन से संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है। इनके संपर्क में आए छह और लोग भी संक्रमित पाए गए हैं। दिल्ली में नए वैरिएंट के संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। महाराष्ट्र सरकार में 28 और तमिलनाडु में दूसरे देश से आए तीन यात्रियों को संक्रमित पाया गया है। सभी की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा रही है।

सावधानी और बचाव जरूरी

मंत्रालय ने कहा कि ओमिक्रोन के खिलाफ वैक्सीन के बेअसर होने के प्रमाण नहीं मिले हैं, इसलिए टीका लगवाना जरूरी है। साथ ही सावधानी, सतर्कता और पहले की तरह बचाव के उपायों को अपनाते रहना भी आवश्यक है। मंत्रालय ने मास्क पहनने, शारीरिक दूरी बनाए रखने और ज्यादा से ज्यादा खुले स्थान या हवादार जगह पर रहने की सलाह दी है।

ओमिक्रोन से घबराने की नहीं, सजग रहने की जरूरत : सौम्या

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य विज्ञानी डा. सौम्या स्वामीनाथन ने रायटर से बातचीत में कहा कि ओमिक्रोन से घबराने की नहीं, बल्कि सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने भी कहा कि यह आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी कि इस नए वैरिएंट के खिलाफ मौजूदा टीके काम नहीं करेंगे। ओमिक्रोन के अधिक घातक होने के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि अभी तक के आंकड़ों से ओमिक्रोन को अधिक संक्रामक जरूर पाया गया है।

बूस्टर डोज और बच्चों के टीकाकरण पर फैसला वैज्ञानिक सलाह पर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोरोना महामारी पर राजनीति करने के लिए विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ लड़ाई में सरकार की कमियां गिनाने के बजाय विपक्ष को यह देखना चाहिए कि सरकार ने क्या-क्या काम किए। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज और बच्चों के टीकाकरण पर फैसला वैज्ञानिक सलाह के आधार पर किया जाएगा।

प्रबंधन की खामियों को गिनाया

सदन में चर्चा के दौरान शुक्रवार को भी विपक्षी सदस्यों ने पहली और दूसरी लहर के दौरान सरकार प्रबंधन की खामियों को फिर से गिनाया। इस दौरान कुछ सदस्यों ने अपने राज्यों ने कोरोना के टीके की कमी का मुद्दा भी उठाया। जबकि कुछ विपक्षी सदस्यों ने केंद्र सरकार पर विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप भी लगाया।

चुनौतियों को दी शिकस्‍त

स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए आंकड़ों के साथ बताया कि किस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कोरोना काल की चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि हमारे विज्ञानियों ने कम समय में वैक्सीन तैयार कर दिखाया और इसके परिणामस्वरूप हम 126 करोड़ से अधिक डोज देने में सफल रहे हैं। पहले भारत में लोगों को वैक्सीन विकसित होने के 10-15 साल बाद ही मिल पाती थी।

सांसद अपने क्षेत्रों में 100 प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करें

दिसंबर तक सभी वयस्कों के टीकाकरण पर आशंका जताने वाले कांग्रेस के गौरव गोगोई का जवाब देते हुए मांडविया ने कहा कि सरकार ने इसके लिए वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का वादा किया था और वह पूरा हो रहा है। राज्यों के पास अब भी 22 करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध हैं और इस महीने 10 करोड़ और डोज मिलेंगी। मांडविया ने गोगोई से पूछा कि एक सांसद होने के नाते आखिर उन्होंने अपने क्षेत्र में संपूर्ण टीकाकरण के लिए क्या प्रयास किया।

अब तक 85 प्रतिशत लोगों को पहली डोज दी गईं

मांडविया ने बताया कि देश में अब तक 85 प्रतिशत पात्र आबादी को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई हैं, जबकि 50 प्रतिशत का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। उन्होंने टीकाकरण में तेजी लाने के लिए सभी सांसदों से अपने-अपने क्षेत्रों में 100 प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

पीएम-केयर्स फंड पर बंद हो राजनीति

मांडविया ने कहा कि विपक्ष को पीएम-केयर्स फंड पर राजनीति बंद करनी चाहिए। इसके जरिये 58,000 वेंटीलेटर खरीदे गए, जिनमें से ज्यादातर की खरीद सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों सी की गई। केंद्र की तरफ से 50,200 वेंटीलेटर राज्यों को दिए गए और 48,000 विभिन्न अस्पतालों में लगाए गए। सरकार ने राज्यों के लिए कोरोना संबंधी आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की।

सरकार शक्ति से नहीं, इच्छाशक्ति से करती है काम

मांडविया ने कहा कि सरकार नतीजों के लिए काम करती है। कोरोना काल के दौरान मोदी सरकार ने दिखाया दिया है कि वह शक्ति से नहीं इच्छा शक्ति से काम करती है। 


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