कोयले के बाद अब तेल ब्लॉक नीलामी की बारी
कोल ब्लॉक सफलतापूर्वक नीलाम करने के बाद राजग सरकार अब तेल और गैस ब्लॉकों की नीलामी शुरू करने जा रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोल ब्लॉक सफलतापूर्वक नीलाम करने के बाद राजग सरकार अब तेल और गैस ब्लॉकों की नीलामी शुरू करने जा रही है। राजग के इस कार्यकाल में पहली बार तेल व गैस ब्लॉकों की नीलामी होगी। पिछली बार 2012 में तेल व गैस ब्लॉकों की नीलामी हुई थी।
इस बार 46 ब्लॉकों की नीलामी होगी, लेकिन इसके लिए पुराने सारे मानदंडों व नियमों को बदल दिया गया है। नीलामी के नए तरीके पहले से ज्यादा पारदर्शी हैं। इस बार कंपनियों को भारतीय ब्लॉकों से तेल या गैस निकालने पर उसकी कीमत तय करने या उसकी मार्केटिंग करने की ज्यादा आजादी मिलेगी।
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पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई निविदा के दौर की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि निविदाएं 15 जुलाई को खोली जाएगी। यह 31 अक्टूबर, 2016 को बंद की जाएगी। इस बार की खासियत यह है कि ये सारे ब्लॉक पहले सरकारी तेल कंपनियों ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआइएल) को आवंटित हुए थे। लेकिन इनके आकार काफी छोटे हैं। लिहाजा अब सरकार ने इन 67 छोटे-छोटे ब्लॉकों को आपस में मिला कर 46 का एक समूह बनाया है।
ज्यादा देशी और विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए ब्लॉक के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनियों को बाजार के मुताबिक कीमत तय करने और अपनी मर्जी से ग्राहक चुनने का अधिकार दिया जा रहा है। प्रधान ने कहा कि उनके मंत्रालय के लिए यह खुशी की बात है कि मोदी सरकार के सत्ता में दो वर्ष पूरा होने के अवसर पर इसे लांच किया जा रहा है।
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इन ब्लॉकों में 62.5 करोड़ बैरल तेल या इसी मात्रा के बराबर गैस होने के आसार हैं। बाजार में इनकी कीमत 77 हजार करोड़ रुपये हो सकती है। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अगर इन ब्लॉकों में उत्पादन शुरू हो जाता है तो आयातित पेट्रो उत्पादों पर देश की निर्भरता कम होगी। साथ ही कंपनियों को एक ही लाइसेंस के जरिये इन ब्लाकों से किसी भी उत्पाद को निकालने की इजाजत होगी।
कंपनियां जितना उत्पाद निकालेंगी, उसी के मुताबिक उन्हें शुल्क देना होगा। अलग से कोई शुल्क नहीं देना होगा। पूरे 20 वर्ष तक इन ब्लॉकों से तेल या गैस निकालने की इजाजत होगी। इसे बाद में 10 वर्ष के लिए और बढ़ाया जा सकता है।