आतंकवाद पर वैश्विक सहमति में पाक है रोड़ा
आतंकवाद पर पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करते हुए भारत ने इस समस्या को लेकर वैश्विक सहमति की राह में भी पड़ोसी को रोड़ा करार दिया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आतंकवाद पर पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करते हुए भारत ने इस समस्या को लेकर वैश्विक सहमति की राह में भी पड़ोसी को रोड़ा करार दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ प्रस्ताव के मामले पर आतंकियों और आजादी के योद्धाओं के बीच फर्क करने की दलील पर सवाल उठाए हैं। दोनों देशों के बीच सीमा पर गोलाबारी से उपजे हालिया तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने जहां पाक के साथ सभी लंबित मुद्दों को बातचीत से सुलझाने पर जोर दिया वहीं आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी तंत्र खड़ा करने की जरूरत भी जताई।
थिंकटैंक ओआरएफ द्वारा आयोजित म्यूनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए डोभाल ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर अधूरी कोशिशों पर भी तीखी टिप्पणी की। उनका कहना था कि सिवाए अंतरराष्ट्रीय बैठकों के कुछ नहीं हुआ है। संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव लंबित है जो अभी तक पारित नहीं हो सका है। अभी तक आतंकवाद की परिभाषा ही तय नहीं हो पा रही है.। पाकिस्तान कहता है कि आजादी के लिए लड़ने वालों को आतंकवादी नहीं माना जाना चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संधि की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इससे देशों को अधिक जवाबदेह बनाने में मदद मिलेगी।
आतंकवाद के बदलते स्वरूप पर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने यह हिट एंड रन की शक्ल ले रहा है। उनका कहना था कि आतंकवाद से मुकाबले में कई बार पुराने तरीके भी बेअसर साबित हो रहे हैं। आइएस और अलकायदा के खतरों के बारे में पूछे जाने पर उनका कहना था, अभी ऐसा नहीं है जिससे भारत निपट न सके।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से भी आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात में भी आतंकवाद में विभेद की नीति को गलत करार दिया था।