गुजरात और उत्तराखंड की चार जातियों को ओबीसी दर्जा
गुजरात में जल रही आरक्षण की आग के बीच बुधवार को गुजरात और उत्तराखंड की चार जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की केंद्रीय सूची मे शामिल करने का फैसला लिया गया। केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय आयोग की सिफारिश पर यह निर्णय लिया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । गुजरात में जल रही आरक्षण की आग के बीच बुधवार को गुजरात और उत्तराखंड की चार जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की केंद्रीय सूची मे शामिल करने का फैसला लिया गया। केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय आयोग की सिफारिश पर यह निर्णय लिया। इसे परोक्ष रूप से गुजरात के आंदोलनकारियों को यह संदेश देने की कोशिश के रूप मे भी देखा जा रहा है कि हर फैसले की एक प्रक्रिया होती है और ओबीसी में शामिल करने या न करने का फैसला आयोग की सिफारिश पर होता है। ध्यान रहे कि सुबह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरातवासियों से शांति की अपील की थी।
बुधवार को कैबिनेट ने गुजरात के सिपाई और पत्नी जमात व तुर्क जमात को ओबीसी सूची मे शामिल करने का फैसला ले लिया। उत्तराखंड के कहार और तंवर सिंहारिया को भी इस सूची में शामिल करने पर मुहर लग गई। अब उन्हें ओबीसी आरक्षण से जुड़े लाभ मिल सकेंगे। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश पर समय-समय पर ऐसे फैसले लिए जाते रहे हैं। सामान्यतया आयोग की सिफारिश केंद्र सरकार के लिए बाध्यकारी होती है।
बहरहाल, इस फैसले का महत्व वर्तमान राजनीतिक माहौल के कारण बढ़ गया है। गौरतलब है कि गुजरात में पाटीदार पटेल समाज खुद को ओबीसी में शामिल किए जाने की मांग लेकर सड़क पर उतर चुका है। लंबे अर्से बाद गुजरात में कर्फ्यू लगाने की नौबत आई है। हालांकि, केंद्र सरकार में कोई भी पाटीदार समाज के आंदोलन पर फिलहाल कुछ बोलने को तैयार नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि इस फैसले के जरिये उन्हें यह संदेश जरूर दिया गया है कि कोई फैसला यूं ही नहीं लिया जा सकता है।
पटेल समाज को आरक्षण की जरुरत नहीं : शरद यादव
दोषियों पर हो कार्रवाई, नहीं तो जारी रहेगा आंदोलनः हार्दिक पटेल