अरुणा के गुनाहगार को NTPC ने नौकरी से निकाला, पंचों ने गांव से
मुंबई में नर्स अरुणा शानबाग पर हमले के दोषी सोहनलाल वाल्मीकि को एनटीपीसी ने सोमवार को नौकरी से निकाल दिया। साथ ही, पंचायत के बाद पंचों ने उसे गांव से निकालने का फरमान भी सुनाया है। उसकी हरकत को जानकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी है।
नोएडा, ब्यूरो। मुंबई में नर्स अरुणा शानबाग पर हमले के दोषी सोहनलाल वाल्मीकि को एनटीपीसी ने सोमवार को नौकरी से निकाल दिया। साथ ही, पंचायत के बाद पंचों ने उसे गांव से निकालने का फरमान भी सुनाया है। उसकी हरकत को जानकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी है।
27 नवंबर, 1973 को सोहनलाल ने मुंबई के किग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में नर्स अरुणा शानबाग से दुष्कर्म करने की कोशिश की थी। विरोध करने पर कुत्ते बांधने वाली चेन से अरुणा का गला दबा दिया था। इस घटना के बाद अरुणा कोमा में चली गई थीं। 42 साल तक कोमा में रहने के बाद गत 18 मई को उनकी मौत हो गई।
सोहनलाल पिछले 26 साल से हापुड़ जिले के पारपा गांव में परिवार के साथ रह रहा था। वह दादरी स्थित एनटीपीसी प्लांट में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात था। मामला मीडिया में आने के बाद सोहनलाल की सच्चाई सबके सामने आ गई।
इसके बाद एनटीपीसी प्रबंधन के आदेश पर सीआईएसएफ ने उसका गेट पास जब्त कर लिया। पांच साल से सोहनलाल यहां काम कर रहा था। किसी को उसकी करतूत की भनक नहीं थी, जबकि बिना पुलिस सत्यापन के प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों के गेट पास नहीं बनाए जा सकते हैं।
केईएम अस्पताल में कमरा नंबर चार को मिला अरुणा का नाम
मुंबई। मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल के कमरा नंबर चार को अरुणा शानबाग का नाम दिया गया है। इसी कमरे में दुष्कर्म पी़ड़िता नर्स शानबाग 42 वर्षों तक कोमा में रही थीं। तीन सप्ताह पहले उनका देहांत हुआ था। अस्पताल की नर्सों ने सोमवार को अपनी साथी के जन्म दिन पर अरुणा को याद किया।
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