Move to Jagran APP

कार्बेट टाइगर सफारी प्रोजेक्ट को एनटीसीए की लाल झंडी

उत्तराखंड के कार्बेट नेशनल पार्क ने उत्तराखंड सरकार से कहा कि पहले वन्यजीवन से संबंधित मानकों को पूरा करें।

By anand rajEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2016 12:46 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2016 04:08 AM (IST)
कार्बेट टाइगर सफारी प्रोजेक्ट को एनटीसीए की लाल झंडी

नई दिल्ली, (प्रेट्र)। उत्तराखंड के कार्बेट नेशनल पार्क में प्रस्तावित टाइगर सफारी प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय बाघ संरक्षरण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने फिलहाल ब्रेक लगा दिया है। साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि पहले वन्यजीवन से संबंधित मानकों को पूरा किया जाए।

loksabha election banner

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन आने वाले एनटीसीए और प्राणी उद्यान प्राधिकरण (सीजेडए) का मानना है कि प्रस्तावित टाइगर सफारी प्रोजेक्ट के वजूद में आने से बाघों के शिकार का खतरा बढ़ जाएगा। उत्तराखंड के वन विभाग ने पिछले साल अगस्त में सुप्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क में टाइगर सफारी शुरू करने की अनुमति सीजेडए से मांगी थी।

उत्तराखंड को लिखे पत्र में सीजेडए ने यह देखने को भी कहा है कि टाइगर सफारी का प्रस्ताव कार्बेट में बाघ संरक्षण के लिए तैयार योजना के अनुरूप भी है या नहीं। वन्यजीव संरक्षरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले अजय दुबे की ओर से दाखिल आरटीआइ के जवाब में प्राप्त पत्र सीजेडए ने एनटीसीए द्वारा मध्य प्रदेश के पेंच राष्ट्रीय उद्यान में टाइगर सफारी प्रोजेक्ट पर रोक लगाने के फैसले का भी उल्लेख किया है।

शिकार सहित बाघों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को फैसला का आधार बताया गया है। अजय दुबे का कहना है-हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार टाइगर सफारी के लिए एक राष्ट्रीय नीति तैयार करे, ताकि बाघों का बेहतर तरीके से संरक्षण हो सके।

उत्तराखंड में हैं 340 बाघवर्ष 2010 में देश में 1706 बाघ थे। 2014 में यह संख्या बढ़कर 2226 हो गई। सबसे ज्यादा बाघ कर्नाटक में हैं। इसके बाद उत्तराखंड का नंबर आता है। हालिया सरकारी आंकड़े के मुताबिक उत्तराखंड में बाघों की संख्या 340 है।

ये भी पढ़ेंः देश की सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

ये भी पढ़ेंः दुनिया की सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.